Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य भारत ही नहीं दुनिया के महानतम, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञ थे। आर्चाय चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में रोजगार, दोस्ती, दाम्पत्य जीवन, धन-संपत्ति और स्त्री से जुड़ी कई बातों का उल्लेख किया है। चाणक्य नीति सिखाती है कि कैसे एक अच्छा, सुखी जीवन जीना है। इसके साथ् यह भी सिखाती है कि हमें किन कार्यों को करने से बचना चाहिए। आइये जानते है आचार्य चाणक्य के नीति के बारे में।
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आचार्य चाणक्य ने आलस्य को व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन बताया है। आर्चाय कहते हैं कि आलस्य व्यक्ति की प्रतिभा को मार देता है। ऐसे व्यक्ति का जीवन लक्ष्यहीन हो जाता है। वह हमेशा दुख में जीता है।
आर्चाय चाणक्य के अनुसार जीवन में दिखावा करने से व्यक्ति को कई प्रकार के झूठ बोलने पड़ते है। ऐसे व्यक्ति को कभी चैन नहीं मिलता है। वह भेद खुलने के डर से अपराध भी कर बैठता है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार,क्रोध खुद को नुकसान पहुंचाता है। क्रोध करने से दूसरों के सामने व्यक्ति की छवि खराब होती है। लोग ऐसे लोगों से दूर रहते हैं। ऐसा जातक बुरे समय में अकेला पड़ जाता है और परेशानी अधिक हो जाती है।
अहंकार के बारे में बताते हुए आचार्य चाणक्य कहते है कि अहंकारी व्यक्ति सही और गलत में फर्क नही कर पाता है। रावण जैसा शक्तिशाली राक्षस राजा भी नष्ट हो गया। अहंकार व्यक्ति को सत्य से दूर कर देता है।