Chandra Grahan 2022 : साल का पहला चंद्रग्रहण वैशाख मास की पूर्णिमा पर 16 मई को होगा। इस बार 16 मई, सोमवार को साल का पहला चंद्रग्रहण होने वाला है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन स्नान, दान और पितरों के लिए तर्पण किया जाता है। ग्रहण को लेकर हिंदू धर्म में मान्यता है कि इस दौरान सूतक काल का पालन किया जाता है। ग्रहण का प्रभाव सूतक काल से शुरू हो जाता है। इस दौरान कई काम करने की मनाही होती है। इस दिन पूर्णिमा से संबंधित सभी पूजा-पाठ आदि कार्य करना श्रेष्ठ रहेगा। घर पर अगर बड़े-बुजुर्ग हैं तो उन्हें भी भूखा ना रखें। ग्रहण की अवधि लंबी हो तो उन्हें समय पर भोजन करने दें।
पढ़ें :- महाकाल ने शुरू किया ठंडे पानी से स्नान, दिनचर्या में बदलाव
इस बार लगने वाले चंद्र ग्रहण प्रभाव उत्तरी व दक्षिणी अमेरिका, पैसिफिक, अटलांटिक, अंटार्कटिका, हिंद महासागर, दक्षिणी/पश्चिमी यूरोप, दक्षिणी/पश्चिमी एशिया, अफ्रीका आदि स्थानों पर देखने को मिलेगा।
ग्रहण के दिन करने वाले कार्य
1. हिंदू धर्म के अनुसार, चंद्रग्रहण शुरू होने से पहले ही खाने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालें दें। ऐसा करने से ग्रहण के बाद भी ये चीजें खाने योग्य बनी रहेंगी।
2. मान्यताओं के अनुसार चंद्रग्रहण के दौरान पूजा-पाठ करने से बचना चाहिए और न ही भगवान की प्रतिमा को स्पर्श करना चाहिए। चाहें तो मंत्र जाप कर सकते हैं।
3. गर्भवती स्त्री ग्रहण काल के दौरान घर से बाहर नहीं निकलें। ऐसा करने से गर्भस्थ शिशु की सेहत पर नेगेटिव असर हो सकता है।
4. चंद्रग्रहण के बाद पहले स्वयं स्नान करें और बाद घर की साफ-सफाई करें। इसके बाद जरूरतमंदों को दान देने की परंपरा भी है।