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Chhattisgarh Liquor Scam : सुप्रीम कोर्ट ने मनी लांड्रिंग मामले को किया रद्द, कहा-मामला ही नहीं बनता

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को छत्तीसगढ़ शराब घोटाले (Chhattisgarh Liquor Scam) मामले की सुनवाई करते हुए को लेकर इससे जुड़े मनी लांड्रिंग केस (Money Laundering Case) को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही प्रदेश के चर्चित शराब घोटाले मामले में पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा को मनी लांड्रिंग मामले (Money Laundering Case) से राहत दे दी है। बता दे कि छत्तीसगढ़ में 2000 कोरोड़‌ के शराब घोटाले मामले को लेकर ED ने रेड मारने के बाद कार्यवाही की थी। जिसमें कई आरोपियों को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था। वहीं ईडी ने मामले में अन्य लोगों को पूछताछ के लिए समन भी भेजे थे। इस बीच छत्तीसगढ़ के पूर्व इस अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा के खिलाफ मनी लांड्रिंग के मामले में पूछताछ की जानी थी।

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छत्तीसगढ़ शराब घोटाले (Chhattisgarh Liquor Scam) मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुनवाई की है। न्यायमूर्ति अभय एस औका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने मामले में टिप्पणी करने के बाद शिकायत को खारिज कर दिया है। कहा है कि मामले में प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट ECIR और FIR को देखने के बाद यह पता चलता है कि इसमें किसी भी प्रकार से विधेय अपराध या अवैध गतिविधि नहीं हुई है। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यह भी कहा है कि जब इसमें किसी भी प्रकार से आपराधिक धनराशि नहीं है तो इसमें मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं बनता है।

क्या‌ है छत्तीसगढ़ का शराब घोटला?

छत्तीसगढ़ में साल 2019 कथित शराब घोटाले मामले का जिक्र करते हुए जांच एजेंसी ने प्रदेश में कई अधिकारियों और कारोबारी के ठिकानों पर छापा मारा था। इस मामले में ED ने छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग (Excise Department) के अधिकारी, कांग्रेस नेता और भाई समेत शराब कारोबारियों से लंबे समय तक पूछताछ की थी।‌ इस पूछताछ के बाद ED ने शराब में 2000 करोड़ के कथित घोटाले का जिक्र किया था। इसमें ED मामले में कांग्रेस नेता के भाई अनवर ढेबर को घोटाले का किंगपिन बताया‌ था। इस मामले में आबकारी विभाग (Excise Department) के अधिकारी और कारोबारियों को पूछताछ के बाद ED की विशेष अदालत ने आरोपियों को ज्यूडिशियल रिमांड (Judicial Remand) पर जेल भेज दिया था।

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