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सीलबंद लिफाफा देख सरकार पर आग बबूला हुए CJI , OROP भुगतान का सुझाया ‘सुप्रीम’ फॉर्मूला, तय की डेटलाइन

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। वन रैंक वन पेंशन (OROP) के तहत पूर्व सैन्य कर्मियों के बकाया भुगतान पर केंद्र सरकार को एक बार फिर से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बकाया भुगतान को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से पेश किए गए लिफाफा बंद रिपोर्ट को लेने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को वन रैंक वन पेंशन योजना (OROP) के तहत बकाया भुगतान का नया फॉर्मूला भी दे दिया।

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इसके अनुसार, योग्य पारिवारिक पेंशनरों को 30 अप्रैल 2023 तक, सशस्त्र बलों के वीरता पुरस्कार हासिल कर चुके विजेताओं को 30 जून 2023 तक और 70 साल से अधिक के योग्य पेंशनरों को 30 अगस्त 2023 तक भुगतान करने का आदेश दिया है। इसके अलावा बाकी पेंशनरों को समान किस्तों में 28 फरवरी 2024 से पहले भुगतान करने को कहा है।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि हमें सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में इस सीलबंद कवर प्रथा को समाप्त करने की आवश्यकता है। यह निष्पक्ष न्याय की बुनियादी प्रक्रिया के विपरीत है। चीफ जस्टिस ने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से सीलबंद लिफाफे के खिलाफ हूं। अदालत में पारदर्शिता होनी चाहिए। यह आदेशों को लागू करने के बारे में है। यहां गुप्त क्या हो सकता है।

पीठ फिलहाल ओआरओपी (OROP) बकाये के भुगतान को लेकर इंडियन एक्स-सर्विसमैन मूवमेंट (IESM ) की याचिका पर सुनवाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने 13 मार्च को चार किस्तों में ओआरओपी (OROP)  बकाये का भुगतान करने के “एकतरफा” निर्णय के लिए सरकार की जमकर खिंचाई की थी। रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  में एक हलफनामा और एक अनुपालन नोट दायर किया है, जिसमें पूर्व सैनिकों को 2019-22 के लिए 28,000 करोड़ रुपये के बकाए के भुगतान की समय सारिणी दी गई है।

चार किस्त में भुगतान का आदेश वापस लेने को कहा था

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इसके पहले 13 मार्च को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रक्षा मंत्रालय से 20 जनवरी के उस आदेश को तत्काल प्रभाव से वापस लेने को कहा था, जिसमें चार किस्तों में वन रैंक वन पेंशन (OROP) के भुगतान करने की बात कही गई थी। कोर्ट ने कहा था, रक्षा मंत्रालय कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता है। इसपर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  से कहा कि उसने पूर्व सैनिकों के बकाया OROP एरियर का भुगतान एक किस्त में कर दिया है, लेकिन पूरी तरह से भुगतान करने के लिए और अधिक समय चाहिए।

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