लखनऊ। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, बालापार, गोरखपुर के पहले कुलाधिपति यूपी के मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ बने हैं। बता दें कि पूर्वांचल में 1932 से ही शिक्षा की अलख जगा रहे गोरक्षपीठ मौजूदा समय में 50 से अधिक शिक्षण संस्थाएं संचालित कर रहा है। गोरखपुर के पहले प्राइवेट विश्वविद्यालय की स्थापना भी इसी पीठ ने की है।
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महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, बालापार, गोरखपुर के पहले कुलाधिपति यूपी के मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ बने हैं। इसके साथ ही प्रति कुलाधिपति प्रोफेसर यूपी सिंह को नियुक्त किया गया है। इस निजी विवि के कुलपति पहले कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी को नियुक्त किया गया है। 24 जून को विश्विविद्यालय के कार्य परिषद की पहली बैठक बुलाई गई है।
एमपी पीजी कॉलेज जंगल धुसड़ के प्राचार्य डॉ. प्रदीप कुमार राव को कुलसचिव नियुक्त किया गया है। डॉक्टर राव ने बताया कि कार्यसमिति में आठ सदस्य हैं। कार्यसमिति की पहली बैठक 24 जून को दोपहर एक बजे से विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सभागार में आयोजित किया गया है। बैठक की कार्यवृत्त शीघ्र ही सभी सदस्यों को भेज दी जाएगी।
कार्यसमिति में ये हैं सदस्य
कार्यसमिति में प्रख्यात शिक्षाशास्त्री धर्माचार्य महंत योगी मिथलेशनाथ, महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य रामजन्म सिंह, अधिवक्ता प्रमथनाथ मिश्र शामिल हैं। इसी के साथ डॉ. सीएम सिन्हा और डॉ. एसएन सिंह को कार्य समिति भी शामिल हैं। प्रदेश सरकार की तरफ से संयुक्त सचिव उच्च शिक्षा ब्रह्मदेव, विश्वविद्यालय की ओर से गुरु श्री गोरक्षनाथ कालेज आफ नर्सिंग की प्रधानाचार्य डॉ. डीएस अजीथा, सह आचार्य के रूप में दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय बीएड विभाग की प्रोफेसर शोभा गौड़ शामिल हैं। बता दें कि 200 एकड़ में फैले इस अत्याधुनिक संशाधनों के साथ स्थापित होने वाले इस विवि में छात्रों को रोजगारपरक पाठ्यक्रम तो मिलेगा ही साथ ही शोध करने वाले छात्रों के लिए एक और बेहतर केन्द्र मिल जायेगा।