लखनऊ। यूपी (UP) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने भारतीय सेना में सेवा देने वाले अग्निवीरों को यूपी पुलिस (UP Police) और सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े विभागों में प्राथमिकता देने का ऐलान किया है। इसकी जानकारी सीएम योगी (CM Yogi) ने अपने कू हैंडल पर दी है।
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सीएम योगी (CM Yogi) ने लिखा कि ‘मां भारती की सेवा के उपरांत अग्निवीरों को यूपी सरकार प्रदेश पुलिस एवं संबंधित अन्य सेवाओं में प्राथमिकता प्रदान करेगी। युवाओं के उन्नयन एवं उनके सुरक्षित भविष्य के लिए भाजपा की डबल इंजन की सरकार सतत समर्पित व पूर्णतः प्रतिबद्ध है। जय हिंद!’
गृह मंत्रालय भी देगा केंद्रीय बलों में प्राथमिकता
वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) की ओर से भी जारी बयान में बताया गया कि मंत्रालय ने सेना में चार साल की सेवा पूरी करने के बाद अग्निवीरों को केंद्रीय सैन्य पुलिस बल और असम राइफल्स (Assam Rifles) में प्राथमिकता देने का फैसला किया है।
गृहमंत्री कार्यालय की ओर से इस बाबत ट्वीट कर कहा गया कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय के इस निर्णय से ‘अग्निपथ योजना’ से प्रशिक्षित युवा आगे भी देश की सेवा और सुरक्षा में अपना योगदान दे पाएंगे। इस निर्णय पर विस्तृत योजना बनाने का काम शुरू हो गया है। ‘अग्निपथ योजना’ युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए नरेंद्र मोदी जी का एक दूरदर्शी व स्वागत योग्य निर्णय है. इसी संदर्भ में आज गृह मंत्रालय ने इस योजना में 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है।’
क्या है अग्निवीर योजना?
सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में मंगलवार को आमूलचूल परिवर्तन करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ नामक योजना की मंगलवार को घोषणा की, जिसके तहत चार साल की अवधि के लिए संविदा आधार पर सैनिकों की भर्ती की जाएगी।
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सेना में ज्यादा योग्य और युवा सैनिकों को भर्ती करने के लिए दशकों पुरानी चयन प्रक्रिया में बड़े बदलाव के संबंध में रक्षा मंत्रालय ने बताया कि योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे और चयन के लिए पात्रता आयु 17.5 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें ‘अग्निवीर’ नाम दिया जाएगा।
जानें कितना होगा वेतन?
रोजगार के पहले वर्ष में एक ‘अग्निवीर’ का मासिक वेतन 30,000 रुपये होगा, लेकिन हाथ में केवल 21,000 रुपये ही आएंगे। हर महीने 9,000 रुपये सरकार के समान योगदान वाले एक कोष में जाएंगे।इसके बाद दूसरे, तीसरे और चौथे वर्ष में मासिक वेतन 33,000 रुपये, 36,500 रुपये और 40,000 रुपये होगा। प्रत्येक ‘अग्निवीर’ को ‘सेवा निधि पैकेज’ के रूप में 11.71 लाख रुपये की राशि मिलेगी और इस पर आयकर से छूट मिलेगी।
यह भर्ती ‘अखिल भारतीय, अखिल वर्ग’ के आधार पर की जाएगी। इससे उन कई रेजींमेंट की संरचना में बदलाव आएगा, जो विशिष्ट क्षेत्रों से भर्ती करने के अलावा राजपूतों, जाटों और सिखों जैसे समुदायों के युवाओं की भर्ती करती हैं।