kundli mein shani va rahu ki yuti : व्यक्ति के लिए शनि और राहु दोनों ग्रह कई परेशानी में डाल सकता है। वहीं अगर कुंडली में शनि-राहु की युति है तो इसके और भयंकर परिणाम सामने आते हैं। ज्योतिष के अनुसार कुंडली में शनि व राहु की युति जातक को परिवार से दूर रखने के योग बनाती है। ऐसे जातक को प्रायः अपने परिवार से मतभेद की स्थिति बनी रहती है। इस दोष के प्रभाव को कम करने के लिए राहु-शनि शापित दोष शांति यज्ञ और तिल तेल अभिषेक अत्यंत प्रभावकारी है, जिसको करने से जातक एवं उसके परिवार के बीच एकता व मधुरता बढती है और खुशहाली आती है। शनि सभी ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलते हैं वहीं राहु हमेशा उल्टी चाल चलता है। इन दोनों ग्रहों के साथ आने पर महा कष्टकारी पिशाच योग का निर्माण होता है। इस योग के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। इससे दोष दूर होता है। यहां जानिए इस दोनों ग्रहों की युति के फलों के बारे में।
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राहु शनि दोष से मुक्ति
शनि और राहु दोनों ग्रह कई परेशानियां उत्पन्न करते हैं। यही कारण है कि इनका नाम सुनकर ही लोग डर जाते हैं। कुंडली में उत्पन्न राहु शनि दोष करियर, रोजगार, वैवाहिक जीवन को भी प्रभावित करता है। जिससे वह हमेशा ही चिंता से घिरा रहता है, इस दोष से निजात पाने के लिए ये महापूजा अत्यंत लाभदायी साबित होती है।
राहु दोष दूर करने के उपाय
पिशाच योग के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए गाय का दान करें या कन्या का दान करें।
शनि और राहु के शुभ प्रभाव के लिए इनसे जुड़े उपाय करें। मंत्र जाप भी शुभ फल देता है।
कहा जाता है कि अगर आपकी कुंडली में पिशाच योग भी बन रहा है तो दोनों कान छिदवाकर उसमें
सोना के आभूषण धारण करें।
छाया दान करना भी शुभ माना जाता है।