नई दिल्ली। केंद्र में मोदी सरकार के रविवार को 7 साल पूरे हो गए हैं। इस दौरान सरकार व पीएम मोदी जहां अपनी उपलब्धियां गिना रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस (ने रविवार को कई मुद्दों पर सरकार को घेरा है। कांग्रेस की ओर से सरकार के इन सात साल के कार्यकाल के दौरान उस पर 7 आपराधिक भूल करने का भी आरोप लगाया गया है। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि यह मोदी सरकार देश के लिए हानिकारक है।
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Hate is the weapon of the weak & the Modi govt has been wielding it for 7 years straight. #7yearsOfModiMadeDisaster pic.twitter.com/gfsnXnA6AB
— Congress (@INCIndia) May 30, 2021
कांग्रेस ने गिनाई ये 7 आपराधिक भूल
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‘अर्थव्यवस्था’ बनी गर्त व्यवस्था
2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई, तो उसे विरासत में कांग्रेस कार्यकाल की औसतन 8.1 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर मिली। लेकिन कोरोना महामारी से पहले ही मोदी सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के चलते जीडीपी की दर साल 2019-20 में गिरकर 4.2 प्रतिशत रह गई।
बेरोजगारी बनी महामारी
मोदी सरकार हर वर्ष दो करोड़ रोज़गार देने का वादा कर सत्ता में आई। सात साल में 14 करोड़ रोजगार देना तो दूर, देश में पिछले 45 वर्षों में सबसे अधिक चौतरफा बेरोजगारी है।
कमरतोड़ महंगाई से चारों तरफ हाहाकार
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एक तरफ कोरोना महामारी और दूसरी तरफ सरकार निर्मित महंगाई, दोनों ही देशवासियों के दुश्मन बने। खाद्य पदार्थों से लेकर तेल के भाव आसमान छू रहे हैं। इसका सबसे ज्वलंत उदाहरण यह है कि कई प्रांतों में पेट्रोल 100 रुपया लीटर और सरसों का तेल 200 रुपया लीटर तक पार कर गया है।
किसानों पर अहंकारी सत्ता का प्रहार
आज़ाद भारत के इतिहास की पहली सरकार है जो न सिर्फ किसानों से उनकी आजीविका छीनकर पूंजीपति दोस्तों का घर भरना चाहती है। बल्कि अन्नदाता भाईयों की प्रतिष्ठा भी धूमिल कर रही है। कभी उन पर लाठी डंडे बरसाती है ,कभी उन्हें आतंकी बताती है, कभी राहों में कील और कांटे बिछाती है। 2014 में आते ही पहले अध्यादेश के माध्यम से किसानों की भूमि के ‘उचित मुआवज़ा कानून 2013’ को बदल कर किसानों की जमीन हड़पने की कोशिश की।
गरीबी की बजाय मोदी सरकार ने गरीबों पर किया वार
विश्व बैंक की रिपोर्ट ने यह बताया कि भारत में यूपीए-कांग्रेस के 10 साल के कार्यकाल में 27 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठ पाए। परंतु मोदी सरकार के 7 साल के बाद, PEW रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक अकेले 2020 में देश के 3.20 करोड़ लोग अब मध्यम वर्ग की श्रेणी से ही बाहर हो गए। यही नहीं, 23 करोड़ भारतीय एक बार फिर गरीबी रेखा से नीचे की श्रेणी में शामिल हो गए। गरीबी की बजाय मोदी सरकार ने गरीबों पर वार किया है।
कोरोना महामारी के कुप्रबंधन के चलते देश में लाखों लोगों ने सिसक -सिसक कर दम तोड़ दिया
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कोरोना महामारी के कुप्रबंधन के चलते देश में लाखों लोगों ने सिसक -सिसक कर दम तोड़ दिया। हालांकि मौत का सरकारी आंकड़ा 3,22,512 है, पर सच्चाई इससे कई गुना अधिक भयावह है। कोरोना महामारी ने गांव, कस्बों और शहरों में लाखों लोगों के प्रियजनों को छीन लिया।लेकिन मोदी सरकार देश के प्रति जिम्मेवारी से पीछा छुड़ा भाग खड़ी हुई।
देश की संप्रभुता और सीमाओं की रक्षा करने में पूरी तरह से फेल
मोदी सरकार देश की संप्रभुता और सीमाओं की रक्षा करने में पूरी तरह से फेल साबित हुई है। चीन को लाल आंख दिखाना तो दूर,भाजपा सरकार चीन को लद्दाख में हमारी सीमा के अंदर किए गए अतिक्रमण से वापस नहीं धकेल पाई।