Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. देश
  3. सजा के फ़ैसले का अधिकार सिर्फ न्यायपालिका का, कांग्रेस अध्यक्ष का सरकार पर निशाना, प्रियंका ने भी उठाया सवाल

सजा के फ़ैसले का अधिकार सिर्फ न्यायपालिका का, कांग्रेस अध्यक्ष का सरकार पर निशाना, प्रियंका ने भी उठाया सवाल

By शिव मौर्या 
Updated Date

Ateeq-Ashraf Murder: माफिया अतीक अहमद और अशरफ की बीती देर रात प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गयी। तीन लोगों ने उन्हें पुलिस सुरक्षा के बीच गोलियों से भून दिया। मौके पर ही माफिया और उसके भाई की मौत हो गयी। पुलिस सुरक्षा में हुई इस वारदात के बाद सियासी सरगर्मी बढ़ गयी है। विपक्षी नेता की तरफ से लगातार सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

पढ़ें :- बापू का प्रिय भजन गाने पर भाजपा नेताओं ने लोकगायिका देवी जी को माफी मांगने पर मजबूर किया : प्रियंका गांधी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस घटना को लेकर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि, जो भी ऐसा करता है, या ऐसे करने वालों को सरंक्षण देता है, उसे भी ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उस पर भी सख्ती से क़ानून लागू होना चाहिए। देश में न्याय व्यवस्था और कानून के राज का इकबाल बुलंद हो, यही हम सबकी कोशिश होनी चाहिए।

इसके साथ ही कहा कि, हमारे देश का क़ानून संविधान में लिखा गया है, यह क़ानून सर्वोपरि है। अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, मगर देश के क़ानून के तहत होनी चाहिए। किसी भी सियासी मक़सद से क़ानून के राज और न्यायिक प्रक्रिया से खिलवाड़ करना या उसका उल्लंघन करना हमारे लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने भी उठाया सवाल
इस घटना पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी सवाल उठाया है। उन्होंने ट्वी कर लिखा है कि, देश का संविधान उन लोगों ने बनाया है, जो आज़ादी के लिए लड़े थे। हमारा इसी संविधान और क़ानून को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। इससे खिलवाड़ करने की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती है। अपराधी की सजा का फ़ैसले का अधिकार न्यायपालिका का है। ये अधिकार किसी सरकार को, किसी नेता को या क़ानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों को नहीं दिया जा सकता है। गोली-तंत्र और भीड़ तंत्र की वकालत करने वाले केवल संविधान को ध्वस्त करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, समाज में किसी को डराने व धमकाने के लिए जो भी हमारी न्याय प्रणाली में राजनैतिक उद्देश्य से दखलअंदाज़ी करता है,अपराधी के साथ वो भी दंड का भागीदार है। किसी भी मुजरिम को सख़्त से सख़्त सजा मिले,इसके लिए अदालतें हैं। क़ानून व्यवस्था से खिलवाड़ करना केवल अराजकता को जन्म देता है।

 

पढ़ें :- ECI New Rule : मल्लिकार्जुन खरगे का हमला, बोले-चुनाव आयोग की ईमानदारी  खत्म करने की मोदी सरकार की बड़ी साजिश
Advertisement