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ओम प्रकाश राजभर का विवादित बयान, बोले-आम्बेडकर ने देश की सभी रानियों का ऑपरेशन कर दिया…

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री और अपना दल (एस) की प्रमुख अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) के बाद अब सुहेलदेव भारतीय समाजवादी पार्टी (सुभासपा) की मुखिया ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने जनसत्ता दल लोकतांत्रिक प्रमुख रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Raghuraj Pratap Singh alias Raja Bhaiya) के खिलाफ विवादित बयान दे दिया है।

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बता दें कि अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) ने राजा भैया के जिले प्रतापगढ़ में जाकर ऐसा बयान दिया था जिससे यूपी के सियासत में और उबाल आ गया था। इस आग में घी डालने काम करते हुए अनुप्रिया के बयान से भी एक कदम आगे बढ़ते हुए यहां तक कह दिया कि बाबा साहेब आंबेडकर ने रानी का आपरेशन कर दिया है। अब रानी के पेट से राजा पैदा नहीं होगा। ओमप्रकाश राजभर ने यहां तक कह दिया कि राजा भैया का पूर्वांचल की राजनीति में कोई असर नहीं है।

ओपी राजभर (OP Rajbhar) ने एक चैनल से बातचीत में कहा कि बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर (Baba Saheb Bhim Rao Ambedkar) ने सभी रानियों का आपरेशन कर दिया है। अब रानी के पेट से राजा पैदा नहीं होगा। अब राजा बैलेट बॉक्स और ईवीएम से पैदा होगा। ओपी राजभर ने कहा कि अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) ने जो भी कहा कि उसमें गलत क्या है? सच कड़वा होता है। अब ईवीएम से ही सबकुछ होगा। ईवीएम से जो जीतेगा वही राजा बनेगा। अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel)  ने बिल्कुल सही कहा है।

राजभर यहीं नहीं रुके। कहा कि राजा भैया बीजेपी का पूर्वांचल में कुछ भी बिगाड़ नहीं सकते हैं। राजभर ने कहा कि राजा भैया यह सोच रहे हैं कि वह बलिया में जाकर नीरज शेखर को हरा देंगे या गाजीपुर में पारस नाथ राय के खिलाफ कुछ कर पाएंगे तो यह संभव नहीं है। अंततोगत्वा वोटर चुपचाप कमल को ही वोट देगा। पश्चिमी यूपी में भी पहले क्षत्रिय समाज का विरोध था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। वहां पर लोगों ने नारा दिया कि मोदी से बैर नहीं प्रत्याशी तेरी खैर नहीं। लोगों ने मोदी के नाम पर कमल बटन दबाया है।

अनुप्रिया के वार पर राजा भैया का पलटवार, कहा कि ईवीएम से जनसेवक और जनप्रतिनिधि पैदा होता है

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अनुप्रिया के वार पर राजा भैया ने पलटवार करते हुए कहा कि ईवीएम से जनसेवक और जनप्रतिनिधि पैदा होता है। इस जनप्रतिनिधि की आयु पांच वर्ष की होती है। कहा कि राज परिवारों से किसी को क्यों कुंठा होगी। देश को आजाद हुए सात आठ दशक बीत गए हैं। अब न राजा रहे न रजवाड़े रहे। यह भी कहा कि उनका (अनुप्रिया) बयान अनावश्यक बयान है।

इन बयानों के बाद यूपी के पूर्वांचल में राजपूतों ने बीजेपी की बढ़ा दी मुश्किलें

इन बयानों के बाद यूपी के पूर्वांचल में राजपूतों ने बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी है। कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया नेतृत्व में क्षत्रिय समाज के तमाम दिग्गज लामबंद हो गए हैं। राजनीति के इस भंवर में जो सबसे ज्यादा मुश्किल में है उनमें एक हैं मिर्जापुर की एनडीए प्रत्याशी अनुप्रिया पटेल, घोसी सीट के उम्मीदवार अरविंद राजभर और भदोही सीट पर निषाद पार्टी के आरएस बिंद फंस गए हैं।

साल 2014 और 2019 में क्षत्रिय भाजपा के साथ थे, लेकिन इस चुनाव में बदली दिख रही हैं स्थितियां

पूर्वांचल की 22 सीटों पर करीब 30 लाख से अधिक राजपूत मतदाता हैं। ये मतदाता पहले बीजेपी के पुख्ता वोट बैंक माने जाते थे और अब ये सभी दलों के लिए अहमियत रखते हैं। साल 2014 और 2019 में क्षत्रिय भाजपा के साथ थे, लेकिन, इस चुनाव में स्थितियां बदली दिख रही हैं। पहले चरण से ही क्षत्रियों की भाजपा से नाराजगी दिखाई देने लगी थी। तीन चरणों के चुनाव में क्षत्रियों ने कई सीटों पर मुखर होकर भाजपा का विरोध किया था। अनुप्रिया का चुनाव जीत पाना बेहद मुश्किल हो जाएगा। पहले राजपूत समुदाय के आपसी संवादों में ये बातें हो रही थीं, लेकिन अब खुलेआम बीजेपी उम्मीदवारों को हराने पर उतर आए हैं। ऐसे में यह माना जा सकता है कि पूर्वांचल में बीजेपी को बहुत ज्यादा नुकसान होगा।

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पूर्वांचल की कई सीटों पर है राजा भैया का  प्रभाव

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने कुछ दिनों पहले जब मुंबई में राजा भैया से मुलाकात की थी तब लगा था कि वो बीजेपी को समर्थन दे सकते हैं। इसी बीच अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) के बयान ने भूचाल मचा दिया और उन्होंने किसी भी दल को समर्थन नहीं देने का ऐलान कर दिया। राजा भैया को मनाने के लिए बीजेपी के वरिष्ठ नेता संजीव बालियान (Senior BJP leader Sanjeev Balyan) भी पहुंचे, लेकिन उनकी नाराजगी दूर नहीं हुई। इस बीच राजा भैया ने यूपी में एंटीइन्कंबेंसी का मुद्दा उठाते हुए यह साफ कर दिया है कि वो परोक्ष रूप से समाजवादी पार्टी के साथ हैं।

राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि अगर राजा भैया समाजवादी पार्टी के गोल में खड़े होने से सिर्फ प्रतापगढ़ , भदोही, मिर्जापुर, घोसी, जौनपुर, मछलीशहर और इलाहाबाद में बीजेपी को जबर्दस्त नुकसान उठाना पड़ सकता है।  प्रतापगढ़, भदोही, मिर्जापुर, इलाहाबाद में  कल वोटिंग होनी है। इन सीटों पर राजा भैया का क्षत्रियों में काफी प्रभाव है। उनके समर्थकों की पूरी लॉबी पूर्वांचल में बीजेपी प्रत्याशियों के खिलाफ मुहिम में जुटी है। इसका असर जौनपुर, मछलीशहर, चंदौली, गाजीपुर, घोसी, आजमगढ़ से लगा लालगंज तक है। जौनपुर में धनंजय सिंह के मैदान में नहीं होने से राजा भैया करीब दो लाख राजपूत मतदाताओं को प्रभावित कर सकते हैं। उनकी ब्राह्मणों में भी अच्छी पैठ है।

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