Copper ring : धातु और जीवन का बहुत सुंदर तालमेल है। ज्योतिष शास्त्र में धातुओं और रत्नों के माध्यम से किस्मत को चमकाने की बात कही गई है। प्राचीन काल से सौन्दर्य और ज्योतिषीय उपाय के लिए धातुओं को पहना जा रहा है। सोना, चांदी और तांबा धातु को पहनने से पहले इसके नियमों के बारे में जान लेना बेहद जरूरी है। ये विभिन्न धातुएं किसी विशेष देवी देवताओं को प्रसन्न करती है।
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नियमों के बारे में जान लेना बेहद जरूरी
देवी,देवता भी धातुओं को धारण करते है। कुंड़ली के ग्रहों को शान्त रखने के लिए भी धातुओं को धारण किया जाता है। धातुओं के प्रभाव को सत,रज तम तीन तत्वों में विभाजित किया गया है। इसमें अग्नि तत्व की मात्रा काफी होती है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इसका संबंध सूर्य और मंगल से होता है। पूजा-पाठ में भी तांबे की धातु का इस्तेमाल किया जाता है। तांबा धातु का प्रयोग करने से पहले उसके जरूरी नियमों के बारे में जान लेना बेहद जरूरी है।
सूर्य मजबूत होता है
ज्योतिष शास्त्र का कहना है कि तांबा इस्तेमाल करने से शरीर शुद्ध रहता है। तांबा धारण करने से शरीर में से सारा विष निकल जाता है। तांबे में पानी के कीटाणुओं को खत्म करने का एक विशेष गुण है इसलिए तांबे के बर्तन में रखे हुए पानी को पीने की सलाह भी दी जाती है।इतना ही नहीं, ये मंगल को मजबूत करता है और रक्त प्रवाह को सही बनाए रहता है।
तांबा पहनने से व्यक्ति का सूर्य मजबूत होता है
तांबे की अंगूठी शरीर की गर्मी को कम करने में मदद करती है। इसे पहनने से शारीरिक और मानसिक तनाव कम होता है। इसके साथ ही गुस्से पर नियंत्रण होता है। तांबे की अंगूठी तन और मन दोनों को शांत रखने में मदद करती है। मेष, सिंह और धनु राशि के लोगों के लिए तांबा शुभ होता है। वहीं, वृषभ, कन्या, और मकर राशि के जातकों को तांबा धारण नहीं करना चाहिए। बाकी बची हुई राशि के जातकों के लिए तांबा साधारण होता है।