Copper Vessel : जीवन शैली में बर्तन का बहुत बड़ा रोल है। साफ सुथरी चमचमाते बर्तन भव्यता के प्रतीक है। प्राचीन काल से ही धातु के बर्तन में खाना पीने का चलन है। मिट्टी के बर्तनों के की तरह तांबे बर्तनों को भी सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है।धार्मिक रूप से तांबे को बहुत उसके गुणों के कारण बहुत शुद्ध माना जाता है। आयुर्वेद में माना गया है कि तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से हमारे शरीर में वात, पित्त और कफ का संतुलन बना रहता है जो शरीर को तमाम रोगों से बचाता है। तांबे के बैक्टीरिया-नाशक गुणों में मेडिकल साईंस बड़ी गहरी रुचि ले रहा है। पिछले कुछ वर्षों में कई प्रयोग हुए हैं
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तांबे का बर्तन पानी पीने के लिए कम से कम इसे 7 से 8 घंटे तक बर्तन में ही रखकर छोड़ दें। इससे तांबे के सारे गुण पानी में आ जाते हैं। लेकिन तांबे के बर्तन को भी जमीन पर नहीं छोड़ा जाता। जब भी पानी तांबे के बर्तन में रखें तो उस बर्तन को लकड़ी के पाटे या मेज पर रखें।
फायदे
इस पानी को पेट की समस्याओं को दूर करने वाला माना जाता है। ये पेट की आंतों में जमा गंदगी को भी साफ कर देता है और गैस, एसिडिटी आदि समस्या से छुटकारा दिलाता है। तांबा रक्त शुद्धि का काम करता है। इस पानी को पीने से स्किन से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलती है।