प्रयागराज। यूपी में कोरोना महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में सोमवार 12 अप्रैल से मुकदमों की सिर्फ वर्चुअल सुनवाई व्यवस्था लागू कर दी गई है। शुरुआत में मुकदमों को सुनने के लिए 25 अदालतें बैठेंगी, विचाराधीन मुकदमों की संख्या को देखते हुए अदालतों की संख्या घटाई या बढाई जा सकेगी। बता दें कि पहले से दाखिल मुकदमे अदालतों में सुनवाई के लिए पेश होंगे। अधिवक्ता, वादकारी व अधिवक्ता लिपिकों को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
पढ़ें :- पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से कांग्रेस में शोक की लहर ,सीडब्ल्यूसी की बैठक निरस्त, दिल्ली लौटे खरगे-राहुल
मुकदमों का दाखिला शारीरिक रूप से व ई-मोड ,दोनों तरीके से किया जाएगा। दाखिला परिसर से बाहर स्थित काउंटर पर शाम 4 बजे तक हो सकेगा। परिसर के बाहर कार्यालय के काउंटरों पर स्टाफ की तैनाती रोस्टर से की जाएगी। निश्चित संख्या में मुकदमे कोर्ट में पेश होंगे। वकीलों को इसकी सूचना दी जाएगी। इसके लिए हेल्पलाइन 12 अप्रैल से क्रियाशील हो जाएगी। रजिस्ट्रार कंप्यूटर जरूरी कदम उठाएंगे।
वर्चुअल सुनवाई के दौरान इंटरनेट स्पीड सही रखने के लिए बीएसएनएल को आदेश दिए गए हैं, ताकि नेटवर्क के कारण सुनवाई प्रक्रिया में बाधा न उत्पन्न हो। मुकदमों की सुनवाई के लिए पहले की तरह जिस्ती मीट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल होगा परिसर का सैनिटाइजेशन समयानुसार होता रहेगा।
हाईकोर्ट ने कोरोना संकट को देखते हुए दो अप्रैल 21को गाइडलाइंस जारी की थीं। इसमें कोविड -कमेटी की बैठक मे विचार कर ये सुधार किए गए हैं। इसकी जानकारी निबंधक प्रोटोकॉल आशीष कुमार श्रीवास्तव ने दी है।