लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को अगले महीने चार वर्ष पूरे हो जाएंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ चार वर्षों में कई अहम योजनाओं को जनता तक पहुंचाने की कोशिश की है। कोरोना संकट के दौरान भी उन्होंने प्रदेश की जनता के लिए कई सराहनीय कदम उठाए।
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हालांकि, इनके बीच सपा और बसपा सरकार में भ्रष्टाचारियों को शरण देने वाले ब्यूक्रेटस सरकार की छवि को धूमिल करने का काम किए हैं। सूत्रों की माने तो प्रदेश के कई ऐसे ब्यूरोक्रेटस हैं जो हर सरकार में अपनी जुगाड़ से पहुंच बनाकर प्रमुख पदों पर आसीन हो जाते हैं। बसपा की मायावती और सपा की अखिलेश यादव सरकार के बाद भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने वाले ऐसे ब्यूरोक्रेटस भाजपा सरकार में भी अपनी पैठ बनाते हुए दिख रहे हैं।
उधर, प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार जनता को राहत और जन कल्याणकारी योजनाओं को उनके बीच पहुंचाने की कोशिश में लगे हैं। उसके विपरित कुछ ऐसे ब्यूरोक्रेटस हैं, जो इन योजनाओं में भ्रष्टाचार की सेंध लगाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
सूत्रों की माने तो सरकार की कई योजनाओं में ये ब्यूरोक्रेटस भ्रष्टाचारियों की सेंध लगाने में मदद किए हैं। गौरतलब है कि हाल में ही पशुधन घोटाला उजागर हुआ था। इसमें कई लोगों पर शिकंजा कसा गया और उन्हें जेल भी भेजा गया। सूत्रों की माने तो कई ब्यूरोक्रेटस का भी इसमें हाथ माना जा रहा है।
इसके साथ ही पंचायती राज परफॉर्मेंस ग्रांट घोटाला भी उजागर हुआ था, जिसके बाद सीएम ने कार्रवाई की थी। इसी तरह प्रदेश में होमगार्ड मानदेय घोटाला भी उजागर हुआ था। सूत्रों की माने तो बसपा और सपा सरकार में तैनात कई भ्रष्ट अफसरों ने इस सरकार में भी अपनी पैठ बना ली है। इसके जरिए वह सरकार की जन कल्याणकारी नीतियों को जनता तक नहीं पहुंचने दे रही है। ऐसे में https://hindi.pardaphash.com/ के हाथ कई ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों का काला चिठ्ठा हाथ लगा है। जल्द ही https://hindi.pardaphash.com/ की टीम ऐसे भ्रष्ट ब्यूरोक्रेटस का पर्दाफाश करेगी।
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