अयोध्या। राजर्षि दशरथ स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय अयोध्या (Rajarshi Dasharath Autonomous State Medical College Ayodhya) के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. सत्यजीत वर्मा (Acting Principal Dr. Satyajit Verma) ने पूर्व प्राचार्य डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार (Former Principal Dr. Gyanendra Kumar) का काला चिट्ठा यूपी के डिप्टी सीएम व मंत्री चिकित्सा शिक्षा ब्रजेश पाठक (UP Deputy CM and Minister of Medical Education Brajesh Pathak) व शासन को भेजकर की कार्रवाई की शिफारिश की है।
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प्राचार्य डॉ. सत्यजीत वर्मा ने शासन को भेजी शिकायत में उल्लेख किया है कि कमीशनबाजी और वसूली के चक्कर ज्ञानेद्र कुमार ने सारे नियम-कानून ताख पर रख दिए। डॉ. सत्यजीत वर्मा ने लिखा है कि डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार ने बीमारी के नाम पर मुख्यालय छोड़ने और इलाज करने की अनुमति शासन से लेकर अपना चार्ज डॉ. पारस खरबन्दा को सौंपने के बाद कर भ्रष्टाचार का खेल खेला है।
शासन को गुमराह करके इलाज का बहाना बनाकर,अवकाश अवधि में जारी किया टेंडर, 2 करोड़ से अधिक कर डाला भुगतान
डॉ. सत्यजीत वर्मा ने बताया कि छुट्टी पर रहते हुए सरकार को करोड़ों रुपए चूना लगाया,जबकि अवकाश पर रहने और दूसरे व्यक्ति के पास चार्ज पर रहने के दौरान ज्ञानेंद्र कुमार को वित्तीय मामलों में दस्तख़त का अधिकार ही नहीं था। डॉ. वर्मा ने कहा कि शासन को गुमराह करके इलाज का बहाना बनाकर,अवकाश अवधि में टेंडर जारी किया। इसके साथ ही 2 करोड़ से अधिक भुगतान कर डाला।
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डॉ. ज्ञानेन्द्र कुमार पर अवकाश अवधि में रहते हुए GEM कॉन्ट्रैक्ट जारी करने एवं सरकारी धन के अनाधिकृत व्यय को लेकर गंभीर साक्ष्य सामने आए
पत्र में उल्लेख किया है कि राजर्षि दशरथ स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, अयोध्या (Rajarshi Dasharath Autonomous State Medical College Ayodhya) के तत्कालीन प्रधानाचार्य डॉ. ज्ञानेन्द्र कुमार पर अवकाश अवधि में रहते हुए GEM कॉन्ट्रैक्ट जारी करने एवं सरकारी धन के अनाधिकृत व्यय को लेकर गंभीर साक्ष्य सामने आए हैं। जांच में पाया गया कि 4 जनवरी 2025 से 19 जनवरी 2025 तक अवकाश पर रहते हुए ज्ञानेंद्र कुमार ने कुल 20 उपकरणों के लिए GEM कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर कर सरकारी खजाने से लगभग 2 करोड़ 12 लाख की धनराशि खर्च कर डाली।
ज्ञानेंद्र कुमार पर वित्तीय अनियमितता को लेकर जल्द दर्ज हो सकती है FIR
बताते चलें कि इस भ्रष्टाचारी प्राचार्य के खिलाफ लोकायुक्त विजलेंस समेत अन्य कई जांचें चल रही हैं। इसके बावजूद ज्ञानेंद्र कुमार शासन के आदेश को ठेंगे पर रखता है। अभी तक अयोध्या मेडिकल कालेज से हटाए जाने के बावजूद सरकारी आवास पर कब्जा जारी है। अब तक डीजी चिकित्सा शिक्षा के यहां पर अपनी ज्वाइनिंग नहीं दी है। जबकि बीते 16 जनवरी 2025 को DG कार्यालय में सम्बद्ध किए गए थे। मौजूदा प्राचार्य डॉ. सत्यजीत वर्मा ने इनका काला चिट्ठा शासन को भेजकर की कार्रवाई की शिफारिश की है। ज्ञानेंद्र कुमार पर वित्तीय अनियमितता को लेकर जल्द दर्ज FIR हो सकती है।
कई करोड़े के घोटाले के हैं आरोप
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पूर्व प्राचार्य डॉ ज्ञानेंद्र कुमार (Former Principal Dr. Gyanendra Kumar) पर कई करोड़ के घोटाले के आरोप हैं। अयोध्या मेडिकल कालेज (Ayodhya Medical College) में भ्रष्टाचार को चरम पर पहुंचाने में ज्ञानेंद्र कुमार का योगदान बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री के आदेश पर सतर्कता विभाग से गोपनीय विजलेंस जांच के आदेश दिए हैं।
बता दें, इससे पहले अयोध्या के राजर्षि दशरथ स्वशासी राज्य मेडिकल कॉलेज (Rajarshi Dasharath Autonomous State Medical College Ayodhya) में भ्रष्टाचार और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपों में घिरे प्राचार्य डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार को पद से हटाकर लखनऊ से संबद्ध कर दिया गया था। उनकी जगह डॉ. सत्यजीत वर्मा को नया कार्यवाहक प्राचार्य नियुक्त कर दिया गया था। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर मेडिकल कॉलेज में पारदर्शिता और व्यवस्था सुधारने के उद्देश्य से किया गया।