लखनऊ। उत्तर प्रदेश का स्वास्थ्य महकमा दवा माफिया और NRHM घोटाले के आरोपी मुकेश श्रीवास्तव पर मेहरबान है। नियमों के विपरित लगातार स्वास्थ्य विभाग में बड़े टेंडर और ठेका दवा माफिया हासिल कर रहा है। अधिकाारियों की मेहरबानी इतनी है कि वो प्रदेश के करीब दो दर्जन जिलों में काम कर रहा है। नियमों के विपरित समेत भ्रष्टाचार के कई आरोप लगने के बाद इसकी फर्मों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया, जिसके बाद ये नई फर्म बनाकर काम करने में जुटा हुआ है। अब ताजा मामला श्रावस्ती जिले का है, जहां पर ब्लैकलिस्ट होने के बाद भी मुकेश श्रीवास्तव की फर्म को नाली निर्माण समेत अन्य काम दिया गया। यही नहीं इसकी कंपनी को लाखों का भुगतान भी कर दिया गया।
पढ़ें :- सीएम योगी ने प्रयागराज में आकाशवाणी के एफएम, रेडियो चैनल का किया शुभारंभ, कहा-महाकुंभ केवल एक आयोजन नहीं बल्कि सनातन का गौरव
दरअसल, संयुक्त जिला चिकित्सालय श्रावस्ती में नाली निर्माण के काम में जमकर भ्रष्टाचार किया गया। इस भ्रष्टाचार में मुकेश श्रीवास्तव की फर्म शामिल है। शासन स्तर के साथ जिले में भी मुकेश से जुड़ी कर्म फर्मों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है, जिसके बाद भी अधिकारियों की मेहरबानी से इसको टेंडर और ठेके नियमों के विपरित मिल रहे हैं। संयुक्त जिला चिकित्सालय श्रावस्ती में मानकों के विपरित किए गए भ्रष्टाचार में मुकेश श्रीवास्तव और उससे जुड़ी फर्म का नाम आया तो सभी हैरान हो गए। चर्चा हो रही है कि, आखिर मुकेश श्रीवास्तव और उससे जुड़ी हुई फार्मों से अधिकारियों को क्यों इतना लगाव है? जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसने की बात कहते हुए अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं।
दवा से लेकर रंगाई-पुताई तक का मिलता है काम
यही नहीं, संयुक्त जिला चिकित्सालय श्रावस्ती और आसपास के जिलों में मुकेश श्रीवास्तव और उसके परिजनों से जुड़ी फर्में ही काम करती हैं। इनके पास यहां अस्पतालों में दवा की सप्लाई के साथ ही रंगाई पुताई तक का भी काम है। अधिकारी सभी नियमों की अनदेखी कर मुकेश और उससे जुड़ी फर्मों को काम देते हैं। अधिकारी जानते हैं कि, मुकेश पर NRHM घोटाले में शामिल होने समेत कई अन्य गंभीर आरोप लगे हैं, इसके बाद भी उस पर मेहरबान रहते हैं।
मानक के विपरित काम कर उठाया लाखों का भुगतान
संयुक्त जिला चिकित्सालय श्रावस्ती में मानक के विपरित काम करने के बाद भी अधिकारियों ने मुकेश की कंपनी को लाखों का भुगतान कर दिए। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने NRHM के आरोपी और उससे जुड़ी फर्मों की शिकायत भी कर चुके हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मेहरबानी से इसे आसानी से लाखों करोड़ों का काम मिल रहा है।