लखनऊ। कफ सिरप सिंडिकेट की जांच (Cough Syrup Syndicate Investigation) के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) के छापों में अहम खुलासा हुआ है। पूर्वांचल में 9777 और 1111 नंबर वाले वाहनों की जांच के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) और सिंडिकेट के असली सरगना की तलाश में जुटी ईडी (ED) को जौनपुर में टोयोटा कंपनी (Toyota Company) के शोरूम से अहम जानकारियां मिली है। पता चला है कि इस शोरूम से बीते दिनों एक लैंड क्रूजर गाड़ी माफिया के भांजे ने खरीदी थी, जिसकी अयोध्या में कंस्ट्रक्शन कंपनी है। प्रारंभिक जांच में कंपनी का लेखा-जोखा भी संदिग्ध पाया गया है।
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दूसरी ओर ईडी (ED) के अधिकारियों ने टोयोटा शोरूम के संचालक से बीते तीन वर्षों के दौरान बेची गई फॉर्च्यूनर और उससे महंगी गाड़ियों का ब्योरा मांगा है। साथ ही दोनों सीरीज के नंबरों वाली गाड़ियों की जानकारी भी तलब की है। ईडी (ED) के अधिकारियों को शक है कि कफ सिरप सिंडिकेट (Cough Syrup Syndicate) ने कई लोगों को महंगी गाड़ियां गिफ्ट की गई हैं। इसके लिए दूसरी कंपनियों के जरिये अयोध्या की कंस्ट्रक्शन कंपनी को पैसा ट्रांसफर किया गया।
गाड़ियों में से एक महाराष्ट्र में सूत्रों के अनुसार गिफ्ट की गई बुलेटप्रूफ कराने भेजी गई है। ईडी (ED) की जांच में यदि शेल कंपनियों के जरिये सिंडिकेट से पैसों के लेनदेन के सुबूत मिले तो माफिया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। वहीं दूसरी गाड़ियों का इस्तेमाल शुभम और 1111 नंबर सीरीज की जायसवाल द्वारा किया जा रहा था। ये गाड़ियां किन लोगों ने खरीदी थीं और वर्तमान में इन्हें कौन इस्तेमाल कर रहा है? इसका पूरा ब्योरा भी जुटाया जा रहा है।
सूत्र बताते हैं ईडी (ED) जल्द अयोध्या की कंस्ट्रक्शन कंपनी के संचालक से पूछताछ करने की तैयारी में है। कंपनी का कामकाज और टर्नओवर भी संदेहास्पद होने की वजह से ईडी (ED) के अधिकारियों का शक गहराता जा रहा है। यह भी सामने आया है कि बीते कुछ वर्षों में माफिया द्वारा अधिकतर काले रंग की फॉर्च्यूनर गाड़ियों को अलग- अलग नामों से खरीदा गया है।