मुंबई । विशेष एनआईए अदालत (Special NIA Court) ने भोपाल से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को कड़ी फटकार लगाई है। प्रज्ञा ठाकुर ( Pragya Thakur) बार-बार चेतावनी के बावजूद अदालत के समक्ष पेश नहीं हो रहीं है। इसी के चलते अदालत ने 11 मार्च को ठाकुर के खिलाफ जमानती वारंट भी जारी किया था। हालांकि विशेष अदालत ने उनकी पेशी के बाद जारी जमानती वारंट रद्द कर दिया था। ठाकुर सितंबर 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में आरोपी हैं।
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विशेष एनआईए अदालत (Special NIA Court) ने मुंबई एनआईए टीम (Mumbai NIA Team) को भोपाल एनआईए टीम (Bhopal NIA Team) से संपर्क करने और आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Sadhvi Pragya Singh Thakur) की स्वास्थ्य स्थिति का भौतिक सत्यापन करने का निर्देश दिया है। अदालत ने केवल मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर उन्हें आज के लिए छूट की अनुमति दी है। भोपाल की सांसद ने सुनवाई में शामिल नहीं होने के लिए बार-बार स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है।
अदालत ने पाया है कि सीआरपीसी 313 (CRPC 313) का बयान दर्ज करने में उनकी अनुपस्थिति से अदालती कार्यवाही में बाधा आ रही है और मुकदमे में देरी हो रही है। अदालत ने एनआईए (NIA) को 8 अप्रैल 2024 को उसके स्वास्थ्य के बारे में विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। ठाकुर और छह अन्य इस मामले में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत मुकदमे का सामना कर रहे हैं।
एनआईए अदालत (NIA Court) वर्तमान में दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) के तहत आरोपियों के बयान दर्ज कर रही है। महाराष्ट्र में मुंबई से लगभग 200 किमी दूर मालेगांव में 29 सितंबर, 2008 को एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल पर रखे विस्फोटक उपकरण में विस्फोट होने से छह लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए। शुरुआत में महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते ने मामले की जांच की थी। 2011 में मामला एनआईए को सौंप दिया गया।