मुंबई। मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) मामले में जेल में बंद महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) के खिलाफ ED के तरफ से दर्ज चार्जशीट पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है। कोर्ट ने कहा कि नवाब मलिक (Nawab Malik) के खिलाफ दायर चार्जशीट देखकर लगता है कि उन्होंने जानबूझकर कुर्ला स्थित गोवावाड़ा मैदान पर कब्जा करने में सीधे तौर पर शामिल थे।
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जस्टिस राहुल एन रोकाडे ने कहा कि नवाब मलिक (Nawab Malik) ने दाउद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) की बहन और डी कंपनी की सदस्य हसीना पारकर, सलीम पटेल और सरदार खान के साथ मिलकर मुनीरा प्लंबर की प्रॉपर्टी हड़पने की आपराधिक साजिश रची। कोर्ट ने कहा कि इस तरह सीधे तौर पर साबित होता है कि नवाब मलिक (Nawab Malik) मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) में शामिल थे। इसलिए उन्हें PMLN की धारा 3 और 4 के तहत आरोपी बनाया गया है।
नवाब मलिक (Nawab Malik) के खिलाफ दायर चार्जशीट में कहा गया है कि नवाब मलिक (Nawab Malik) के भाई असलम मलिक, दाउद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) की बहन हसीना पारकर और 1993 बम ब्लास्ट के दोषी सरदार खान के बीच गोवावाला ग्राउंड पर कब्जा करने के लिए कई दौर की बैठक हुई, जिसके मालिक मुनीरा प्लंबर और मरियम गोवावाला हैं। ईडी (ED) की चार्जशीट में कहा गया है कि नवाब मलिक (Nawab Malik) ने डी कंपनी (D company) के साथ मिलकर ऐसी कई प्रॉपर्टी पर कब्जा किया। चार्जशीट में कहा गया है कि नवाब मलिक (Nawab Malik) की इलाके में बाहुबली की छवि है। इसी छवि और रसूख के चलते नवाब मलिक ने कई जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा किया है।
ईडी (ED) ने हसीना पारकर के बेटे आलीशान के बयान को भी अपनी चार्जशीट में शामिल किया है, जिसमें उसने कहा था कि उसकी मां 2014 तक दाउद इब्राहिम से पैसों का लेन-देन किया करती थी। आलीशान ने ईडी (ED) को ये भी कहा था कि उसकी मां हसीना पारकर ने गोवावाला इलाके के विवाद को सलीम पटेल के साथ मिलकर सुलझा लिया था। उसका कुछ हिस्सा अपने कब्जे में ले लिया था।