नई दिल्ली। विश्व में बढ़ते कोरोना के संक्रमण को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने देश ने में तैयारियां तेज कर दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) के सूत्र ने बताया कि चीन में आई कोविड लहर का कारण ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट बीएफ.7 (Omicron BF.7) है। यह सब वैरिएंट काफी तेजी के साथ संक्रमण फैलाता है। यह एक समय पर 16 लोगों को संक्रमित कर सकता है।
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देश में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट के मामले पाए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं। एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों की जांच की जा रही है। साथ ही कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग कराए जाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने जांच से लेकर भर्ती तक के इंतजामों पर काम शुरू कर दिया है। ऐसे में अगर कोई लहर आती भी है तो मरीजों की मौतें और उनके अस्पताल में एडमिट होने की संख्या काफी कम रहेगी। वहीं कोरोना के नए वैरिएंट BF.7 (New variant BF.7) पर दवाई और वैक्सीन कितनी असरदार है, स्वास्थ्य मंत्रालय इसको लेकर स्टडी कर रहा है।
मध्य जनवरी तक बढ़ सकते हैं कोविड केस
इसी बीच अगले 40 दिन महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं, क्योंकि जनवरी में भारत में कोविड-19 (COVID-19)के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं। एक अधिकारी ने कहा कि पहले, यह देखा गया है कि कोविड-19 (COVID-19) की एक नई लहर पूर्वी एशिया में आने के लगभग 30-35 दिनों के बाद भारत में आती है।
सूत्रों ने कहा कि पिछले दो दिनों में बाहर से आने वाले पर किए गए 6,000 परीक्षण में से 39 अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को COVID-19 संक्रमित पाया गया है। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya_ दिल्ली में हवाई अड्डे का दौरा करेंगे और वहां परीक्षण और जांच सुविधाओं का जायजा लेंगे।
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बुधवार को भारत में आए इतने नए मामले
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में बुधवार को कोरोना के 188 नए मामले देखने को मिले, जिसके बाद कुल कोरोना मामलों की एक्टिव संख्या बढ़कर 3 हजार 468 पहुंच गई है। मौजूदा समय में भारत में डेली पॉजिटिविटी रेट 0.14 फीसदी जबकि साप्ताहिक 0.18 फीसदी है।
जानें भारत पर नई लहर का कितना होगा असर, क्या कहते हैं विशेषज्ञ ?
कैलिफोर्निया बेस्ड स्क्रिप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट (California-based Scripps Research Institute)के अनुसार, चीन में जिस बीएफ.7 वैरिएंट ने हाहाकार मचाया है, ऐसे जेनेटिक्स वाला वैरिएंट फरवरी 2021 के बाद से ही 90 देशों में सामने आ चुका है। यह ओमिक्रॉन के बीए.5 सब वैरिएंट ग्रुप का एक हिस्सा है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत पर इसका ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण भारत की अधिकतर आबादी के पास डबल इम्यूनिटी का होना है, डबल यानी एक नेचुरल इम्यूनिटी और एक जो वैक्सीन के बाद इम्यूनिटी लोगों के शरीर में बन गई है।