कानपुर देहात। यूपी के कानपुर देहात जनपद के विभिन्न थानों में अनेकों प्रकरण पुलिस द्वारा परिवादी व पीड़ित पक्ष को यह बताया जाता है कि किस अधिवक्ता से केस लगवाना है? और किस अधिवक्ता से नहीं केस लगवाना है ? न्यायालय द्वारा थाना पुलिस से मांगे गए प्रपत्रो को समय पर कोर्ट में दाखिल नहीं करते हैं। जिससे न्याय प्रक्रिया में समय अधिक लगता है अभियुक्त भरपूर लाभ लेते हैं।
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उक्त बातें मुलायम सिंह यादव एडवोकेट पूर्व महामंत्री जिला बार एसोसिएशन कानपुर देहात ने पुलिस अधीक्षक बी बी जी पी एस मूर्ति कानपुर देहात को ज्ञापन देकर उचित कार्रवाई करने की मांग की गई । उन्होंने कहा कि ऐसे तमाम प्रकरणों को देखते हुए पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर कहा है कि विभिन्न थानों में कार्यरत पुलिस द्वारा दुर्घटना के प्रकरण में पीड़ित पक्ष को अपनी ओर से अधिवक्ता नियुक्त करने की सलाह देते हैं । आम नागरिकों की संपत्ति विवादों में दबाव व प्रभाव द्वारा निपटाने का काम पुलिस द्वारा किया जाता है। जब उसके मुताबिक काम नहीं होता है।
तब विवाद को फौजदारी में बदल देते हैं ,जबकि विवाद सिविल वाद अथवा राजस्व वाद से संबंधित होता है जिससे भू माफियाओं को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए पुलिस की सक्रिय भूमिका रहती है जो उसके क्षेत्राधिकार से बाहर है। उन्होंने कहा कि कोर्ट मोहर्रम व पैरोकार भी सलाह देते हैं कि कौन अधिवक्ता नियुक्त करना है अगर उनके मुताबिक अधिवक्ता नियुक्त नहीं करते हैं। तो कोर्ट द्वारा संबंधित थाने से मंगाए गए कागजात को समय पर कोर्ट में दाखिल नहीं करते हैं जिससे पीड़ित पक्ष को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे लोगों को लंबे समय से एक ही स्थान में तैनाती रहना उचित नहीं है ।
महामंत्री अमर सिंह भदौरिया ने कहा अगर इन सभी मांगो का अविलंब निस्तारण ना हुआ तो आंदोलन की राय अपनानी पड़ेगी । इस अवसर पर रमेश चंद्र सिंह गौर, रामअवतार दीक्षित, शमशाद खान, धर्मेंद्र सिंह, विश्वनाथ सिंह, प्रदीप कुमार सिंह , संतोष कुमार, संदीप यादव, आसिफ अली, आदि लोग उपस्थित रहे ।