नई दिल्ली। नेपाल में 2जी और 3जी मोबाइल टॉवरों को चीन की कंपनी हुआवेई फोरजी में अपग्रेड कर रही है। उत्तराखंड सीमा से सटे नेपाल के चार जिलों में नेपाली टेलीकाम कंपनी नमस्ते के 61 मोबाइल टॉवर को 4जी में अपग्रेड कर दिया है।
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सीमा से सटे नेपाली गांवों में चीन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही इस सेवा को लेकर सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। चीनी कंपनी के नेटवर्क का भारत विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल होने और इसके जरिये जासूसी की आशंका को लेकर सीमा से सटे जिलों की पुलिस से आख्या मांगी गई है।
पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था एलआर कुमार ने आपरेशन कवच योजना के प्रभारी/एडीजी जोन गोरखपुर के साथ ही सीमा से सटे सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को पत्र लिख इस संबंध में जानकारी मांगी है।
उत्तराखंड सीमा से सटे नेपाल के बैतडी, डडेलधुरा, कंचनपुर, धार्चुला जिले में 93 मोबाइल टावर हैं, जिसमें 61 टॉवर को चीन की हुआवेई कंपनी ने फोर जी में अपग्रेड कर दिया है।
सीमा पर भारत के गांवों में नेपाली नेटवर्क का कब्जा
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नेपाल सीमा पर भारत के गांवों पर नेपाली मोबाइल नेटवर्क कंपनी का कब्जा है। सीमा से सटे अधिकांश गांवों में भारतीय टेलीकाम कंपनी का या तो टॉवर नहीं है या है भी तो नेटवर्क ठीक से काम नहीं करता। व्यवस्था की इस खामी का फायदा अपराधी उठाते हैं, क्योंकि पुलिस को नेपाली मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल नहीं मिल पाती।
एक वर्ष पहले एसपी श्रावस्ती ने सुरक्षा और अपराध पर अंकुश लगाने के लिए इस समस्या का समाधान कराने के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा था। नेपाल सीमा से महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच, पीलीभीत और लखीमपुर खीरी जिले के गांव में आज भी यह समस्या है।
एसपी महराजगंज सोमेंद्र मीणा ने कहा कि भारत-नेपाल सीमा पर चल रहे ऑपरेशन कवच के दौरान पुलिस 10 किमी की परिधि में स्थित गांवों में चौपाल लगा रही है। गांव में किसी संदिग्ध के आकर रहने की सूचना पर जांच भी कराई जाती है। हाल के दिनों में बहुत सी ऐसी जगह पर भारतीय मोबाइल नेटवर्क कंपनी का टॉवर लगा है जो पहले इससे वंचित थे।