बहुत कम उम्र में ही कई महिलाओं को अक्सर कमर में दर्द रहने की परेशानी रहती है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है जीवनशैली। लगातार अधिक देर तक खड़े रहना या फिर बैठे रहने की वजह से भी ऐसा होता है। अगर आप बहुत देर तक बैठे या फिर खड़ी रहती हैं तो मांसपेशियों में जकड़न होने लगती है। ऐसे में जब आप एकदम से उठती है या फिर हिलती है तो कमर में दर्द होने लगती है। अक्सर सही खान पान न होने की वजह से भी महिलाओं में बहुत ही कम उम्र में कमर में दर्द की दिक्कत होने लगती है।
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क्योंकि शरीर में जरुरी पोषक तत्वों की कमी की वजह से ऐसा होता है। हड्डियों में पोषण के लिए कैल्शियम और फास्फोरस जरुरी होता है। इसके अलावा विटामिन डी भी शरीर में पर्याप्त मात्रा में होना आवश्यक होता है। अगर किसी को इन पोषक तत्वों की कमी हो जाती है तो इससे हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और अक्सर कमर में दर्द, जोड़ों में दर्द होने लगता है। इसके अलावा कभी अचानक लगी चोट या पुरानी चोट की वजह से भी अक्सर कमर में दर्द की दिक्कत रहती है।
इसके अलावा जिन महिलाओं को बहुत कम उम्र में पीएमएस की दिक्कत हो जाती है उन्हें भी कमर में दर्द की दिक्कत रहती है। ऐसे में महवारी होने के कई दिन पहले से ही कमर व पेट के आस पास के हिस्सों में दर्द की समस्या रहती है।
प्रेगनेंसी में भी महिलाओं को अक्सर कमर दर्द की शिकायत बनी रहती है। गर्भावस्था के दौरान कमर दर्द होने की समस्या के पीछे शरीर के गुरुत्वाकर्षण बल का केंद्र बदलने को जिम्मेदार माना जाता है। ये समस्या पांचवे महीने के बाद और भी ज्यादा बढ़ जाता है।
महिलाएं अक्सर होने वाले कमर दर्द की समस्या से छुटकारा पाने के लिए हीटिंग पैड का इस्तेमाल भी कर सकती हैं। इसका इस्तेमाल करने से भी ब्लड सर्कुलेशन में फायदा मिलता है मांसपेशियों के दर्द में आराम मिलता है। नियमित रूप से मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी को मजबूत करने वाले योगासनों का अभ्यास करने से भी इन समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।