नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर उठ रहे विवाद पर केंद्रीय निर्वाचन आयोग (CIC) ने रविवार को साफ शब्दों में कहा कि ईवीएम (EVM) को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है। मुंबई उपनगर जिला कलेक्टर वंदना सूर्यवंशी ने ईवीएम (EVM) पर जारी विवादों को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ईवीएम (EVM)पर गलत ख़बर फैलाई गई है और सारे आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि ईवीएम (EVM) में अनलॉकिंग के लिए कोई ओटीपी नहीं आती है, जो खबर चल रही है वो पूरी तरह से गलत है। ईवीएम (EVM) किसी मशीन से जुड़ा हुआ नहीं होता है।
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खबर पूरी तरह से गलत है हमने पेपर को इशू किया है नोटिस
रिटर्निंग ऑफिसर वंदना सूर्यवंशी (Returning Officer Vandana Suryavanshi) ने कहा कि आज जो खबर आई उस को लेकर कुछ लोगों ने ट्वीट किए। EVM को अनलॉक करने के लिए कोई OTP नहीं लगता है। EVM डिवाइस किसी से कनेक्ट नहीं रहता, अखबार द्वारा पूरी तरह से गलत खबर चलाई गई है। EVM standalone सिस्टम है। खबर पूरी तरह से गलत है हमने पेपर को नोटिस इशू किया है। 499 IPC के तहत मानहानि का केस भी किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि मैंने पेपर के रिपोर्टर को समझाने की कोशिश की थी। आईपीसी की धारा 505 और 499 के तहत उन्हें नोटिस भेजेंगे। गौरव को जो मोबाइल रखने की इजाजत दी गई थी वो उनका खुद का मोबाइल था। पुलिस की जांच के बाद हम इंटरनल जांच करेंगे कि नहीं यह आगे तय किया जाएगा।
कोर्ट के ऑर्डर के बिना नहीं देंगे CCTV फुटेज
रिटर्निंग ऑफिसर (Returning Officer) ने यह भी कहा कि हम कोर्ट ऑर्डर के बिन सीसीटीवी फुटेज किसी को नहीं दे सकते, पुलिस को भी नहीं। ईवीएम कोई प्रोग्राम के लिए नहीं है और न ही इसको हैक किया जा सकता है। इस मामले में इलेक्शन कमीशन की शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज की गई है।
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ईवीएम (EVM) के संबंध में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के ट्वीट पर स्पष्टीकरण देते हुए उन्होंने कहा कि जो खबर चल रही है, वो गलत है। ईवीएम के लिए किसी ओटीपी की जरूरत नही होती है, बल्कि रिजल्ट बटन प्रेस करके काम होता है। चुनाव आयोग (Election Commission) ने ईवीएम (EVM) को लेकर अपनी पूरी प्रकिया का पालन किया है।
स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क (SpaceX CEO Elon Musk) ने ईवीएम (EVM) के इस्तेमाल पर सवाल उठाते हुए इसे बंद करने की सलाह दी है। उनके इस बयान के बाद कांग्रेस ने भी ईवीएम (EVM) पर निशाना साधा। पार्टी सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि ईवीएम एक ‘ब्लैक बॉक्स’ है, जिसकी जांच करने की किसी को इजाजत नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत की चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर ‘गंभीर चिंताएं’ जताई जा रही हैं।
अधिकारी ने आगे कहा कि कुछ लोगों को हमने डाटा अपलोड करने के लिए मोबाइल ले जाने की इजाजत दी थी। लेकिन उस संबधित व्यक्ति तक वो मोबाइल कैसे गया, उस पर हमने खुद भी एफआईआर दर्ज कराई है और मामले की जांच की जा रही है। किसी को सीसीटीवी नहीं मिलेगा, जब तक कि कोर्ट का ऑर्डर नहीं होता है।
रिटर्निंग ऑफिसर ने यह भी कहा कि हम कोर्ट ऑर्डर के बिन सीसीटीवी फुटेज किसी को नहीं दे सकते, पुलिस को भी नहीं। ईवीएम कोई प्रोग्राम के लिए नहीं है और न ही इसको हैक किया जा सकता है। इस मामले में इलेक्शन कमीशन की शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज की गई है।
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि जब संस्थाओं में जवाबदेही ही नहीं होती तो लोकतंत्र दिखावा बन कर रह जाता है और धांधली की आशंका बढ़ जाती है। इस पोस्ट के साथ गांधी ने एक खबर भी साझा कि जिसमें दावा किया गया कि मुंबई की उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट से 48 वोट से जीत दर्ज करने वाले शिवसेना के उम्मीदवार के एक रिश्तेदार के पास एक ऐसा फोन है जिससे ईवीएम में छेड़छाड़ संभव थी।
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने ‘एक्स’ पर एलन मस्क की उस पोस्ट को भी साझा किया जिसमें मस्क ने ईवीएम को हटाने की बात कही थी। मस्क ने अपनी पोस्ट में कहा था कि हमें ईवीएम को खत्म कर देना चाहिए। मुनष्यों या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) द्वारा हैक किए जाने का जोखिम, हालांकि छोटा है, फिर भी बहुत अधिक है।
विपक्षी दल पिछले कुछ समय से ईवीएम पर चिंता जताते रहे हैं और उसने शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर ‘वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (VVPAT) पर्चियों का शत प्रतिशत मिलान करने की अपील की की थी, लेकिन अदालत ने इसे स्वीकार नहीं किया।