Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. देश
  3. किसानों-मजदूरों को वो 28 जनवरी याद है, अन्नदाता के विश्वास पर किया गया था गहरा विश्वासघात: राकेश टिकैत

किसानों-मजदूरों को वो 28 जनवरी याद है, अन्नदाता के विश्वास पर किया गया था गहरा विश्वासघात: राकेश टिकैत

By शिव मौर्या 
Updated Date

नई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों (three agricultural laws) के विरोध में शुरू हुए किसान आंदोलन में 28 जनवरी 2021 का दिन बेहद ही खास रहा था। जब ये कहा जाने लगा था कि किसान आंदोलन का आज आखिरी दिन है। किसान नेता राकेश टिकैत के सरेंडर की बातें कहीं जा रहीं थीं। पुलिस और मीडिया के बीच राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) लगातार किसानों को संबोधित कर रहे थे।

पढ़ें :- झांसी मेडिकल कॉलेज का हेल्पलाइन नंबर- 6389831357 जारी,सीएम योगी ने हादसे की रिपोर्ट 12 घंटे में तलब की

उस दिन एक वक्त ऐसा आया जब वो फफक-फफक कर रोने लगे। इसके बाद से ही मामला बिल्कुल बदल गया। कुछ ही घंटे में वहां पर हजारों की संख्या में किसान पहुंच गए,​ जिसके कारण आंदोलन में एक बार फिर से जान आ गई। उस दिन के एक वीडियो को ट्वीट करते हुए राकेश टिकैत ने बड़ा हमला बोला है।

पढ़ें :- Jhansi Medical College Fire Accident : फरवरी में सेफ्टी ऑडिट और जून में मॉक ड्रिल, सरकार हादसे में गलती किसकी?

उन्होंने ट्वीट कर लिखाा है कि, ‘देश के किसानों-मजदूरों को वो 28 जनवरी भी याद है, और वह रात भी जब अन्नदाता के विश्वास पर गहरा विश्वासघात किया गया था।’ बता दें कि, उत्तर प्रदेश ​में विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है। पश्चिम यूपी में पहले चरण का चुनाव होना है। ऐसे में माना जा रहा है कि किसान आंदोलन के कारण यहां पर भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता है।

Advertisement