EAM Dr S Jaishankar on Deportation of Indian citizens from the US: अमेरिका में कथित रूप से अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों के निर्वासन के मुद्दे पर देश की सियासत गरमाती हुई नजर आ रही है। इस मुद्दे पर गुरुवार को विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा और लोकसभा में चर्चा की मांग की। जिसके बाद जोरदार हंगामा हुआ और दोनों सदनों की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक स्थगित करना पड़ा। इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मुद्दे पर बयान दिया।
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अमेरिका से निकाले गए भारतीय नागरिकों पर राज्यसभा में बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘यह सभी देशों का दायित्व है कि अगर उनके नागरिक विदेश में अवैध रूप से रह रहे पाए जाते हैं तो उन्हें वापस ले लिया जाए।’ उन्होंने कहा, ‘अमेरिका द्वारा निर्वासन का आयोजन और क्रियान्वयन आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) प्राधिकरण द्वारा किया जाता है। ICE द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले विमान द्वारा निर्वासन का SOP जो 2012 से प्रभावी है, संयम बरतने का प्रावधान करता है। हमें ICE द्वारा सूचित किया गया है कि महिलाओं और बच्चों को नहीं रोका जाता है।’
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, ‘हम अमेरिकी सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वापस लौटने वाले निर्वासितों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न हो। साथ ही, सदन इस बात की सराहना करेगा कि हमारा ध्यान अवैध आव्रजन उद्योग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर होना चाहिए। निर्वासितों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर, कानून प्रवर्तन एजेंसियां एजेंटों और ऐसी एजेंसियों के खिलाफ आवश्यक, निवारक और अनुकरणीय कार्रवाई करेंगी।’
राज्यसभा में डॉ. एस जयशंकर ने कहा, अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे वापस लौटे प्रत्येक व्यक्ति (अमेरिका से निर्वासित भारतीय) के साथ बैठें और पता लगाएं कि वे अमेरिका कैसे गए, एजेंट कौन था, और हम किस प्रकार सावधानी बरतें ताकि यह आगे न हो…” इस मुद्दे पर कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला के सवाल का जवाब देते हुई उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि कल 104 लोग वापस आए। हमने ही उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि की है। हमें ऐसा नहीं समझना चाहिए कि यह कोई नया मुद्दा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो पहले भी होता रहा है।”
विदेश मंत्री ने कहा, ‘अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे वापस लौटने वाले प्रत्येक व्यक्ति (अमेरिका से निर्वासित भारतीय) के साथ बैठें और पता लगाएं कि वे अमेरिका कैसे गए, एजेंट कौन था, और हम कैसे सावधानी बरतें ताकि यह फिर न हो।’