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भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग को लेकर औपचारिकता हुई पूरी

By Satish Singh 
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नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) और अमेरिकी युद्ध सचिव पीट हेगसेथ (US Secretary of War Pete Hegseth) ने कुआलालंपुर में मुलाकात की, जहां दोनों देशों ने दस साल के रक्षा फ्रेमवर्क समझौते को औपचारिक रूप दिया। भारत-अमेरिका रणनीतिक और रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षरित यह समझौता भारत-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य सहयोग, क्षमता वृद्धि और संयुक्त परियोजनाओं पर केंद्रित एक दीर्घकालिक रोडमैप स्थापित करता है।

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस समझौते पर हस्ताक्षर को द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत बताया। उन्होंने कहा कि हमने तीन बार टेलीफोन पर बातचीत की है। मुझे एडीएमएम-प्लस के मौके पर आपसे व्यक्तिगत रूप से मिलकर खुशी हो रही है। इस अवसर पर मुझे लगता है कि रक्षा ढांचे पर हस्ताक्षर के साथ आज एक नया अध्याय शुरू होगा। मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में भारत-अमेरिका संबंध और मजबूत होंगे। हेगसेथ ने साझेदारी की सराहना करते हुए इस समझौते को नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच विकसित होते संबंधों में एक निर्णायक क्षण बताया।

उन्होंने कहा कि मैं भारत के साथ हमारी साझेदारी के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आभार व्यक्त करना चाहता हूं। यह दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण अमेरिका-भारत संबंधों में से एक है। हमारा रणनीतिक संरेखण साझा हितों, आपसी विश्वास और एक सुरक्षित एवं समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के प्रति प्रतिबद्धता पर आधारित है। उन्होंने कहा कि यह दस-वर्षीय अमेरिका-भारत रक्षा ढांचा महत्वाकांक्षी है। यह हमारी दोनों सेनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही आगे और भी गहरे और सार्थक सहयोग का रोडमैप है। यह हमारी साझा सुरक्षा और हमारी मजबूत साझेदारी के लिए अमेरिका की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर पोस्टा साझा करते हुए कहा कि यह रक्षा ढांचा भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों के संपूर्ण आयाम को नीतिगत दिशा प्रदान करेगा। यह हमारे बढ़ते रणनीतिक अभिसरण का संकेत है और साझेदारी के एक नए दशक की शुरुआत करेगा। यह मुलाकात आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (एडीएमएम-प्लस) के दौरान हुई, जहां सिंह भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। उनकी मलेशिया यात्रा में रक्षा मंत्री खालिद नॉर्डिन के साथ वार्ता और क्षेत्रीय शांति एवं आतंकवाद-रोधी प्रयासों पर केंद्रित सत्रों में भागीदारी भी शामिल है। भारत और मलेशिया वर्तमान में 2024-2027 के लिए आतंकवाद-रोधी विशेषज्ञों के कार्य समूह के सह-अध्यक्ष हैं, जो हिंद-प्रशांत ढांचे के भीतर स्थिरता और सहयोग को बढ़ावा देने में नई दिल्ली की बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है।

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