नई दिल्ली। भारत की मेजबानी में चल रहे जी-20 (G-20) की बैठक में मोदी सरकार को बड़ा झटका लगा है। सूत्रों ने बताया कि ग्रुप ऑफ सेवन (G-7) के देशों ने रूस से तीखे मतभेदों के कारण ‘फैमिली फोटो’ में शामिल होने से इनकार कर दिया है। इससे पहले यूक्रेन मुद्दे पर मतभेद होने के कारण निजी कारणों का हवाला देते हुए जापान और दक्षिण कोरिया जैसे अहम देशों के विदेश मंत्री बैठक में ही आने से इनकार कर चुके हैं।
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एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में चल रही जी-20 (G-20) बैठक में भाग लेने वाले ग्रुप ऑफ सेवन देशों के विदेश मंत्री रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ फोटो फ्रेम साझा करने के लिए तैयार नहीं होंगे। जी-20 (G-20) विदेश मंत्रियों की बैठक में यह लगातार दूसरी बार है जब पारंपरिक फोटो सत्र नहीं आयोजित किया जाएगा। जी-7 (G-7) देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, जी-7 (G-7) ने यह निर्णय यूक्रेन में जारी रूस के हमले और रूस से तीखे मतभेदों के कारण लिया है।
रूस को अलग-थलग करने की कोशिश
सूत्रों ने बताया कि जी-7 (G-7) देशों ने यह फैसला किया है कि रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव जब जी-20 (G-20) सत्र को संबोधित करेंगे तो वे उसका बहिष्कार नहीं करेंगे। बल्कि उनके मंत्री उन सत्रों के दौरान वहीं रुकेंगे, लेकिन ग्रुप फोटो में नहीं शामिल होकर रूस को अलग थलग करने के प्रति अपना रुख व्यक्त करेंगे। इससे पहले 2022 में इंडोनेशिया के बाली में आयोजित हुए जी-20 (G-20) सम्मेलन में भी जी-7 (G-7) देशों के विदेश मंत्रियों ने फैमिली फोटो में शामिल होने से इनकार कर दिया था। समिट में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बजाय रूसी विदेश मंत्री लावरोव के शामिल होने के बावजूद इंडोनेशिया के पूरे शिखर सम्मेलन के दौरान एक भी फैमिली फोटो सत्र नहीं हो पाया था।
भारत पर कूटनीतिक दबाव
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पिछले सप्ताह बेंगलुरु में हुए वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक में यूक्रेन मुद्दे पर असहमति होने के कारण संयुक्त बयान नहीं जारी हो पाया था। दिल्ली में हो रहे विदेश मंत्रियों के बैठक में भी यूक्रेन का मुद्दा हावी रहने की संभावना है। पिछले बैठक में संयुक्त बयान नहीं जारी होने के कारण इस बैठक में सहमति बनाकर संयुक्त बयान जारी करने का भारत पर काफी दबाव है।
नहीं जारी हो पाया था साझा बयान
पिछले सप्ताह बेंगलुरु में जी-20 (G-20) की बैठक में संयुक्त बयान पर रूस और चीन ने रूसी युद्ध से संबंधित दो पैराग्राफों पर आपत्ति जताई थी। जिस कारण से साझा बयान नहीं जारी हो पाया था। चीन ने संयुक्त बयान के उस हिस्से पर आपत्ति जताई जिसमें रूस के हमले की कड़े शब्दों में निंदा की गई थी।