Giloy kadha: बदलते मौसम में सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार खराश जैसी दिक्कतें लगती रहती हैं। ऐसे में छोटी मोटी बीमारियों और दिक्कतों में दवा खाना हेल्थ के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे में घर के बड़े बुजुर्ग दादी नानी बच्चों और बड़ों को दवा की बजाय काढ़े का सहारा लेती थी।
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जो दिक्कतों में भी तुरंत आराम देता है साथ ही अन्य बीमारियां होने से भी रोकता है। इम्युनिटी बढ़ाने ( increasing immunity) में भी मदद करती है। आज हम आपको गिलोय का काढ़ा बनाने का तरीका बताने जा रहे है। जिसे पीने से इम्यूनिटी तो मजबूत होती ही साथ में छोटी मोटी सर्दी जुकाम और बुखार की परेशानियों में भी आराम मिलता है।
गिलोय हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते है। ऐसे में ये शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स को खत्मा करने में मदद करता है। साथ ही गिलोय से शरीर के टॉक्सिंस निकलते है। साथ ही खून साफ होता है।
गिलोय का काढ़ा (Giloy kadha) बनाने के लिए गिलोय की डंडी, पत्तियों और इसकी जड़ों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस काढ़े को डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों में भी पिया जा सकता है। इसे बनाने के लिए दो कप पानी में हल्दी और काली मिर्च डालें। पकने के बाद इसमें गिलोय, अदरक और दालचीनी डालकर कम आंच पर पकाएं। अब इस बर्तन को ढ़क दें। इसके बाद पुदीना और शहद डालकर पकाएं। लीजिए आपका काढ़ा तैयार है। इसे छानकर कप में निकालें और पीएं।
(यह लेख जानकारी मात्र है किसी भी उपचार, दवा, डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टरों से सलाह जरुर लें।)