नई दिल्ली। बिहार के भागलपुर जिले के पीरपैंती में 1,050 एकड़ जमीन अडानी ग्रुप (Adani Group ) को थर्मल पावर प्लांट (Thermal Power Plant) को देने के मामले में सियासी पारा गर्माया हुआ है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने शनिवार को कहा कि अडानी समूह (Adani Group ) को पीरपैंती में जमीन देने से बिहार सरकार (Bihar Government) को 5000 करोड़ रुपये का सालाना नुकसान होगा। मात्र 1 रुपये सालाना की दर से एक हजार एकड़ जमीन 30 साल के लिए अडानी को दी गई है। वहीं, 6 रुपये प्रति यूनिट की दर से 2500 मेगावाट बिजली खरीदने का करार कर लिया गया।
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प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने आरोप लगाया कि इससे ज्यादा भ्रष्टाचार और नियमों का उल्लंघन कुछ हो ही नहीं सकता। वे ऑल इंडिया पीपुल्स फोरम के तत्वावधान में पटना के आंबेडकर भवन में आयोजित प्रेसवार्ता सह नागरिक संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) के ठीक पहले सहायता की घोषणा वोट के लिए घूस देने जैसा है।
मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर सवाल उठाते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग नागरिकता तय करने की ऑथोरिटी बनना चाह रहा है, पारदर्शिता नहीं बरत रहा। हर व्यक्ति को यह जानने का हक है कि उनके आवेदन में क्या दस्तावेज दिए गए, उनके आवेदन का किस आधार पर रिजेक्शन (अस्वीकार) या नॉट रिजेक्शन किया गया।
प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने बिहार में भूमि अधिग्रहण को लेकर लैंड रिकॉर्ड कमीशन और लैंड रेट कमीशन बनाने की मांग की। इस मौके पर भाकपा माले के सांसद सुदामा प्रसाद, एआईपीएफ (SIPF) के कमलेश शर्मा एवं आइलाज की मंजू शर्मा मौजूद रहीं।