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रविवार को सूर्य को जल देने से मिलती है सरकारी नौकरी, जानिए विधि

By प्रीति कुमारी 
Updated Date

रविवार को सूर्य को जल देना काफी लाभकारी होता है । इस बारे में महाभारत में भी वर्णन मिलता है। कथा के अनुसार दानवीर कर्ण रोजाना सूर्य की पूजा करते उन्हें अर्घ्य देते. इसके अतिरिक्त सूर्य की उपासना के बारे में भगवान राम की भी कथा म‌िलती है। जिसके मुताबिक वह भी हर द‌िन सूर्य को अर्घ्य देते थे। शास्‍त्रों में भी वर्णन मिलता है। कि रोज द‌िन सूर्य को जल देना चाह‌िए। कुछ लोग इस न‌ियम का पालन भी करते हैं।आइए जानें, सूर्य को जल देने के फायदे और किस प्रकार जल अर्पण करना अच्छा होता है।

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सूर्य देव की पूजा करने और जल चढ़ाने वाला व्यक्ति अपने शत्रुओं पर विजय पा लेता है। इतना ही नहीं सूर्य देव की पूजा से व्यक्ति के भाग्य में विशेष राजयोग बनता है। इसके अलावा यदि आप रोज सूर्य देव को जल चढ़़ाते हैं तो कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखें।

सूर्यदेव को जल अर्पित करते समय रखें इन बातों का ध्यान

सूर्यदेव को तांबे के पात्र से ही जल दें। जल देते समय दोनों हाथों से तांबे के पात्र को पकड़े।

सूर्य को जल अर्पित करते हुए उसमें पुष्प या अक्षत (चावल) जरूर रखें।

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दोनों हाथों से सूर्य को जल देते हुए ये ध्यान रखें की उसमें सूर्य की किरणों की धार जरूर दिखाई दे।

पूर्व दिशा की ओर ही मुख करके ही जल देना चाहिए।

जल देते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह जल आपके पैरों से स्पर्श न करे।

यदि किसी दिन ऐसा हो कि सूर्य देव नजर ना आ रहे हों तो पूर्व दिशा की ओर मुख करके जल दें।

भूलकर भी न करें सूर्य को जल चढ़ाते वक्त ये गलती

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सर्वप्रथम ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि कार्यों से निवृत होकर जल चढ़ाये,कभी भी बिना स्नान के जल अर्पित न करें।

अर्घ्य देते समय स्टील, चांदी, शीशे और प्लास्टिक बर्तनों का प्रयोग न करें।सूर्यदेव को तांबे के पात्र से ही जल दें। जल देते समय दोनों हाथों से तांबे के पात्र को पकड़े।

जल सदैव सिर के ऊपर से अर्पित करें। इससे सूर्य की किरणें व्यक्ति के शरीर पर पड़ती है। जिससे सूर्य के साथ नवग्रह भी मजबूत बनते हैं।

जल अर्पित करने से पहले उसमें कई लोग गुड़ और चावल मिलाते हैं। ऐसा न करें। इसका कोई महत्व नहीं होता। सूर्य को जल अर्पित करते हुए उसमें पुष्प या अक्षत (चावल) जरूर रखें।जल में रोली या लाल चंदन और लाल पुष्प डाल सकते हैं।

दोनों हाथों से सूर्य को जल देते हुए ये ध्यान रखें की उसमें सूर्य की किरणों की धार जरूर दिखाई दे।

रविवार का दिन सूर्यदेव की पूजा के लिए विशेष है। ज्योतिष में सूर्य को सभी ग्रहों का अधिपति माना गया है। सूर्यदेव को जल चढ़ाने से व्यक्ति को जीवन की हर परेशानी से मुक्ति मिलती है। ज्योतिष के अनुसार कुंडली में सूर्य ठीक होने पर व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान, उच्च पद की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही कई रोगों का भी नाश होता है। कुंडली में सूर्य कमजोर होने से व्यक्ति को परेशानियों का सामाना करना पड़ता है।

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ज्योत‌िष शास्‍त्र में सूर्य को आत्मा का कारक बताया गया है। इसलिए आत्म शुद्ध‌ि और आत्मबल बढ़ाने के लिए न‌ियम‌ित रूप से सूर्य को जल देना चाहिए। सूर्य को न‌ियम‌ित जल देने से शरीर ऊर्जावान बनता है। और कार्यक्षेत्र में इसका लाभ म‌िलता है। अगर आपकी नौकरी में परेशानी हो रही है तो न‌ियम‌ित रूप से सूर्य को जल देने से उच्चाध‌िकारियों से सहयोग म‌िलने लगता है ।और मुश्क‌िलें दूर हो जाती हैं। सूर्य को जल देने के लिए तांबे के पात्र का उपयोग करना बेहतर रहता है। सूर्य को जल देने से पहले जल में चुटकी भर रोली म‌िलाएं और लाल फूल के साथ जल दें. इसके बाद जल देते समय 7 बार जल दें और सूर्य के मंत्र का जप करे

 सूर्य मंत्र   

ऊँ सूर्याय नम: ऊँ खगाय नम:, ऊँ भास्कराय नम:, ऊँ रवये नम:, ऊँ भानवे नम:, ऊँ आदित्याय नम: 

ज्योत‌िष शास्‍त्र में सूर्य को आत्मा का कारक बताया गया है। इसलिए आत्म शुद्ध‌ि और आत्मबल बढ़ाने के लिए न‌ियम‌ित रूप से सूर्य को जल देना चाहिए।  सूर्य को न‌ियम‌ित जल देने से शरीर ऊर्जावान बनता है। और कार्यक्षेत्र में इसका लाभ म‌िलता है। अगर आपकी नौकरी में परेशानी हो रही है तो न‌ियम‌ित रूप से सूर्य को जल देने से उच्चाध‌िकारियों से सहयोग म‌िलने लगता है। और मुश्क‌िलें दूर हो जाती हैं।

यूं तो तो सूर्य देव को हर रोज ही जल चढ़ाया जाता है। उनकी पूजा की जाती है। लेकिन रविवार के दिन सूर्ज को जल चढ़ाने के बहुत सारे लाभ मिलते हैं। रविवार के दिन भगवान सूर्य की पूजा का विधान है। यह मान-सम्मान और सुख-समृद्धि दिलाने वाला दिन है। इस दिन सही नियम से जल चढ़ाने से कुंडली के सारे दोष सूर्य देव की कृपा से समाप्त हो जाते हैं। सूर्य देव की पूजा करने और जल चढ़ाने वाला व्यक्ति अपने शत्रुओं पर विजय पा लेता है।

 

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