गोंडा। यूपी में गोण्डा जिले के कर्नलगंज कोतवाली इलाके के चकरौत गांव में एक ही घर से कोरोना से पांच हो गई है। इनके अलावा तीन अन्य की मृत्यु से ग्रामीणों में भय व्याप्त हो गया है।
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स्वास्थ्य सूत्रों ने सोमवार को बताया कि विगत दिनों मंडी समिति के लिपिक हनुमान प्रसाद श्रीवास्तव की मौत हो गई थी। उसके बाद उनकी 75 वर्षीय मां सरला श्रीवास्तव पत्नी मोतीलाल श्रीवास्तव की मौत हुई। इसी सप्ताह में उनके 46 वर्षीय भाई अश्वनी श्रीवास्तव पुत्र मोतीलाल श्रीवास्तव की मौत हुई। उसके बाद 45 वर्षीय उषा श्रीवास्तव पत्नी अश्वनी की भी मौत हो गई। सबसे बड़ा दुख का पहाड़ तब टूटा जब अश्वनी का जवान 22 वर्षीय बेटा सौरभ श्रीवास्तव की मौत हो गई। एक सप्ताह के भीतर एक ही परिवार के पांच सदस्यों की मौत से मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है।
इसी गांव में सरिता 45 वर्ष पत्नी कृष्ण लाल व गांव की सीमा पर ग्राम बाबुरास पांडेपुरवा निवासी श्रीनाथ शुक्ल 60 वर्ष पुत्र भगवती प्रसाद की कोरोना से मौत हुई है। इसके अलावा करनैलगंज क्षेत्र के युवा वर्ग में भी कोरोना का संक्रमण तेजी से प्रभावी है, जिसमें पाण्डेयचौरा के रहने वाले 22 वर्षीय मनीष सिंह पुत्र मदन सिंह की मौत हो गई। तो वहीं गुरसडी के 21 वर्षीय सुभम पुत्र दयाराम गोस्वामी की मौत से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। गांव के कई और लोगों में भी कोरोना संक्रमित होने की संभावना जताई जा रही है।
बताया जा रहा है कि संक्रमण की इस रफ्तार के बाद भी प्रशासन की ओर से इस गांव को न तो अभी तक सील किया गया है, और न ही इस गांव को लेकर कोई सूचना जारी की गई है। जबकि करीब एक दर्जन से अधिक कोरोना पॉजिटिव लोग इस गांव में बीमारी की हालत में हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में सेनिटाइजेशन या गांव में बैरिकेटिंग तक नही कराई गई है। दूसरी तरफ क्षेत्र के सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने इन मौतों को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी संवेदना व्यक्त करने के साथ चिंता जाहिर किया है।
उधर सीएचसी अधीक्षक डॉ. सुरेश चंद्रा बताया कि कोरोना की जांच व उसका उपचार कराना स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है। गांव को सील करने व सेनिटाइज करने का काम प्रशासन व बीडीओ का है। शहरी क्षेत्र में प्रशासन व नगर पालिका का काम है। लगातार जांच कराई जा रही है। पॉजिटिव लोगों की सूची प्रशासन व ब्लॉक पर भेज दी जाती है।