नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्ट्रेस व मॉडल पूनम पांडेय (Poonam Pandey) की मौत सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) की वजह से हुई है। सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) वह कैंसर है जो गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में शुरू होता है। यह महिलाओं में होने वाला चौथा सबसे बड़ा कैंसर है। बिजनेस टुडे की रिपोर्ट (ref) के अनुसार, भारत में महिलाओं के कैंसर में सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) दूसरे स्थान पर है। साल 2020 में 123,000 से ज्यादा मामले सामने आए जबकि 77,000 मौत हुईं। चलिए जानते हैं कि सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) क्या है? इसके क्या कारण हैं और इसकी रोकथाम कैसे ही जा सकती है?
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सर्वाइकल कैंसर: एक साइलेंट किलर
यह दुखभरी खबर उस वक्त सामने आई है जब एक दिन पहले ही भारत सरकार के अंतरिम बजट 2024 में 9 से 14 वर्ष की लड़कियों के लिए सर्वाइकल कैंसर के मुफ्त टीकाकरण की घोषणा हुई थी। यह बीमारी, जिसे अक्सर ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है। शुरुआत में कोई बड़े लक्षण नहीं दिखाती है।
सर्वाइकल कैंसर के कारण
नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल (Indraprastha Apollo Hospital) में स्त्री रोग ऑन्कोलॉजी और रोबोटिक सर्जन और वरिष्ठ सलाहकार डॉ. पाखी अग्रवाल (Gynecological Oncology and Robotic Surgeon and Senior Consultant Dr. Pakhi Agarwal) ने इस बीमारी के कारण के बारे में बताया, सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) एक प्रकार का कैंसर है जो गर्भाशय ग्रीवा, गर्भाशय के निचले हिस्से में शुरू होता है। यह मुख्य रूप से उच्च जोखिम वाले ह्यूमन पेपिलोमावायरस (HPV) के लगातार संक्रमण के कारण होता है। महिला के निचले यूटरस का हिस्सा सेल्स गर्भाशय ग्रीवा (Cervix of Uterus) होता है, जिसमें सर्वाइकल कैंसर असामान्य रूप से विकसित होता है।
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सर्वाइकल कैंसर क्या होता है?
WHO के अनुसार, सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) वह कैंसर है जो गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में शुरू होता है। गर्भाशय ग्रीवा गर्भाशय को योनि से जोड़ती है। सर्वाइकल कैंसर आमतौर पर समय के साथ धीरे-धीरे विकसित होता है। गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर (Cervical Cancer) होने से पहले, गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाएं ‘डिसप्लेसिया’ नामक परिवर्तनों से गुजरती हैं, जिसमें गर्भाशय ग्रीवा के ऊतकों में असामान्य कोशिकाएं दिखाई देने लगती हैं। ऐसे में समय के साथ यदि इसका इलाज नहीं किया गया तो असामान्य कोशिकाएं कैंसर कोशिकाएं बन सकती हैं और बढ़ने लगती हैं। साथ ही गर्भाशय ग्रीवा और आसपास के क्षेत्रों में अधिक गहराई तक फैल जाती हैं।
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
पानी जैसा या खूनी योनि स्राव
योनि स्राव में दुर्गंध आना
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यौन संबंध के बाद योनि से रक्तस्राव
मासिक धर्म के बीच में रक्तस्राव
लंबे समय तक और भारी मासिक धर्म
पैरों में सूजन
पेल्विक हिस्से, लेग्स और बेक पेन
समय पर पता चलने से इलाज संभव
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अगर फर्स्ट स्टेज में इस कैंसर का पता चल जाए तो 90 प्रतिशत तक मरीज को बचाया जा सकता है। वहीं अगर स्टेज 2 में इस बीमारी का पता चले तो 80 प्रतिशत चांस रहते हैं कि इस बीमारी से बचाया जा सकता है। डॉक्टर समय-समय पर स्क्रीनिंग की सलाह देते हैं। कैंसर का एक बार पता चलने पर इसके इलाज के दौरान क्रायोथेरेपी, लूप इलेक्ट्रोसर्जिकल एक्सिशन प्रक्रिया (एलईईपी) या कोल्ड कोगुलेशन सहित अन्य तरीकों से किया जा सकता है। अगर बीमारी आखिरी स्टेज में पहुंच गई है तो मरीज को बचाना बेहद मुश्किल है। क्योंकि यह कैंसर जैसे-जैसे बढ़ता है यह शरीर के दूसरे अंगों को भी अपने गिरफ्त में लेता जाता है।
सर्वाइकल कैंसर के प्रकार
स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा: अधिकांश सर्वाइकल कैंसर (90% तक) स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा होते हैं। ये कैंसर एक्टोसर्विक्स की कोशिकाओं से विकसित होते हैं।
एडेनोकार्सिनोमा: सरवाइकल एडेनोकार्सिनोमा एंडोकर्विक्स की ग्रंथि कोशिकाओं में विकसित होता है। क्लियर सेल एडेनोकार्सिनोमा, जिसे क्लियर सेल कार्सिनोमा या मेसोनेफ्रोमा भी कहा जाता है, एक दुर्लभ प्रकार का सर्वाइकल एडेनोकार्सिनोमा है।
कभी-कभी सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) में स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा और एडेनोकार्सिनोमा दोनों की विशेषताएं होती हैं। इसे मिश्रित कार्सिनोमा, या एडेनोस्क्वामस कार्सिनोमा कहा जाता है। बहुत कम ही, कैंसर गर्भाशय ग्रीवा की अन्य कोशिकाओं में विकसित होता है।
सर्वाइकल कैंसर से बचाव और रोकथाम
रेगुलर स्क्रीनिंग
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सेफ सेक्स
वजन कंट्रोल करें
तनाव कम करें
हेल्दी डाइट
नो स्मोकिंग
सीमित अल्कोहल
सर्वाइकल कैंसर से जुड़े चौकानें वाले फैक्ट्स
2020 में अनुमानित 604,000 नए मामलों और 342,000 मौतों के साथ सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) वैश्विक स्तर पर महिलाओं में चौथा सबसे आम कैंसर है।
सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) की सर्वाधिक घटनाएं और मृत्यु दर की उच्चतम दर निम्न और मध्यम आय वाले देशों में है, जोकि चिंताजनक है।
एचआईवी (HIV) से पीड़ित महिलाओं में एचआईवी रहित महिलाओं की तुलना में सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) होने की संभावना 6 गुना अधिक होती है।
एचपीवी (HPV) के खिलाफ रोगनिरोधी टीकाकरण, कैंसर-पूर्व घावों की जांच और उपचार सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) को रोकने के सबसे प्रभावी तरीके हैं।
यदि प्रारंभिक चरण में निदान किया जाए और तुरंत इलाज किया जाए तो सर्वाइकल कैंसर को ठीक किया जा सकता है।
दुनिया भर के देश सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) के उन्मूलन में तेजी लाने के लिए काम कर रहे हैं, बावजूद इसके यह एक बड़ी समस्या बनी हुई है।