लखनऊ। प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा (Urban Development and Energy Minister AK Sharma) ने कहा कि सीवर एवं सैप्टिक टैंक की सफाई जैसे खतरनाक कार्य से सफाई कर्मियों के जीवन को बचाने के लिए केन्द्र सरकार ने अनूठी पहल की है और मनुष्यों द्वारा किये जाने वाले इस कार्य को पूर्णतः प्रतिबंधित किया है। प्रदेश में भी निकाय अधिकारियों को सीवर एवं सैप्टिक टैंक की सफाई मशीनों द्वारा कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही आधुनिक उपकरणों एवं मशीनों के प्रयोग को बढ़ाने तथा सुरक्षा आदि के संबंध में सफाई मित्रों एवं अधिकारियों को प्रशिक्षित करने को भी कहा गया है।
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नगर विकास मंत्री के निर्देशों के क्रम में नगर विकास विभाग द्वारा सफाई मित्रों के सम्मान एवं क्षमता संवर्धन हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार को नगरीय निकाय निदेशालय में किया गया। निदेशक स्थानीय निकाय नेहा शर्मा ने प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्धाटन किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए नेहा शर्मा ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न नगरीय निकायों में कार्यरत सफाई मित्रों को गरिमामयी जीवन व सुरक्षा के साथ ही आधुनिक मशीनों के माध्यम से उन्नत तकनीक से लैस करना सरकार का पहला लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि सफाई मित्र आज हमारे और आपके जीवन की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं। इनके योगदान के बिना हम एक स्वस्थ, समृद्ध और विकसित समाज और राष्ट्र की कल्पना नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि एक समय था जब सफाई का सारा काम मैनुअल तरीके से होता था। उस दौर में सफाई मित्रों को अनेक कठिनाइयों का कामना करते हुए अपनी गरिमा और सम्मान की लड़ाई लड़नी पड़ती थी। कई बार जीवन को दांव पर लगाकर ड्यूटी निभाने की चुनौतियां रहती थी।
नेहा शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जब स्वच्छ भारत मिशन की अवधारणा परिकल्पित की तो उसके बाद सफाई मित्रों के जीवन में भी आमूलचूल परिवर्तन होने की शुरुआत हुई। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी और हमारे मंत्रीगण और वरिष्ठ अधिकारियों ने केंद्र सरकार की इस पहल को बहुत ही गंभीरता से लेते हुए आगे बढ़ाया। इसी का परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश मैं स्वच्छ भारत मिशन मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त कर चुका है। एक महत्वपूर्ण पड़ाव लगातार पार करते हुए सफलता की ओर अग्रसर हैं। हम सभी के सम्मिलित प्रयास से जो सफलता प्राप्त हुई है उसी वजह से आज हम इस कार्यशाला का आयोजन करते हुए और आगे बढ़ने की ओर अग्रसर हैं।
नेहा शर्मा ने कहा कि कभी सफाई मित्र हमेशा से अपने कार्य के दौरान चुनौतीपूर्ण और जीवन के लिए खतरनाक समझे जाने वाले पलो से गुजरते थे लेकिन आज परिस्थितियां दूसरी हैं। गरिमामय जीवन के साथ मेनहोल टू मशीन का मिशन जारी है। सफाई मित्रों को कठिनाइयों से निकालने के लिए सरकार हर प्रकार की टेक्नोलॉजी का सहारा ले रही है।
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इसमें और सुधार के संबंध में कार्यशाला में मंथन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुबह 5 बजे से सफाई के कार्य में जुट जाना आसान काम नहीं होता। डैडिकेटेड कमांड सेंटर के माध्यम से अधिकारी हमारे सफाई मित्रों से सीधे जुड़ते हैं जो वास्तव में फील्ड पर असली योद्धा हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने सफाई मित्रों को हर प्रकार से एक बेहतर जीवन और संसाधन दे सकें, ताकि वह अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए प्रदेश को स्वच्छ भारत मिशन की अवधारणा मैं और आगे बढ़ाएं। मिशन निदेशक ने कहा कि जो भी हमारे सफाई मित्र कार्यशाला में सीखते हैं यह उनकी जिम्मेदारी है कि वह जब फील्ड पर जाएं तो इससे अपने अन्य साथियों को भी अवगत कराए।
इनको किया गया सम्मानित
वॉश इंस्टीट्यूट और वॉश सॉल्यूशंस के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान नेहा शर्मा ने प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए सफाई मित्रों को सम्मानित किया। इनमें, लखनऊ के रंजीत, वाराणसी के सभाजीत, अयोध्या के तिलकराम, मथुरा-वृंदावन के अनिल, कानपुर के राजू और गोरखपुर के जसवंत शामिल रहे। इन्हें अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। इस दौरान निदेशालय में एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। जिसमें, सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए विकसित की गई विभिन्न तकनीकियों को प्रदर्शित किया गया। कार्यशाला के दौरान वॉश इंस्टीट्यूट की डॉ. अकांक्षा वर्मा व अजय गुप्ता ने सफाई कर्मचारियं के अधिकार-मैनुअल मैला ढोने का अधिनियम, नियम, दिशा-निर्देश और अन्य सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी। वॉश सॉल्यूशंस से पी.के श्रीवास्तव, अजय गुप्ता, अताउर रहमान ने सेप्टिक टैंक तथा सीवर की सफाई में आधुनिक उपकरणों के उपयोग के संबंध में प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
अपर निदेशक स्वच्छ भारत मिशन ऋतु सुहास ने कहा कि जरूरी नहीं कि हर व्यक्ति सीमा पर जाकर देश की सेवा करे। हमारे सफाई मित्र भी अपने स्तर पर देश की सेवा कर रहे हैं। उनको सभी सम्मान मिले यह हम सबकी जिम्मेदारी है। कार्यशाला में उप निदेशक (प्रशासन) रश्मि सिंह, सहायक निदेशक (आर) रश्मि सिंह, सहायक निदेशक (एस.) सविता शुक्ला, अपर निदेशक (पशु चिकित्सक) डॉ. असलम अंसारी, उप निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. सुनील कुमार यादव समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।