लखनऊ: यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने आज लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा किए गए मूल्यांकन में श्रेणी-1 विश्वविद्यालय का ग्रेड दिए जाने पर हार्दिक बधाई देते हुए निरंतर उन्नयन के लिए शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा विविध राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मूल्यांकनों में रैंकिंग उन्नयन करना और उपलब्धि परक ग्रेड प्राप्त करना प्रदेश के लिए गौरवपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मूल्यांकनों में उपलब्धिपरक सफलताओं से विश्वविद्यालय की क्षमताओं में वृद्धि होती है, जिसका सीधा लाभ उस विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों को हासिल होता है। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार के लिए मूल्यांकन महत्वपूर्ण है। लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) की इस उपलब्धि को राज्यपाल ने अन्य विश्वविद्यालयों के लिए प्रेरक बताते हुए उन्हें भी अपनी गुणवत्ता में निरंतर वृद्धि करने और उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित किया है।
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बताते चलें कि प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राज्य विश्वविद्यालयों में गुणवत्ता सुधार के साथ राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट रैंकिंग के लिए न केवल प्रोत्साहित किया गया अपितु निरंतर समीक्षा बैठकों और स्थलीय निरीक्षण के माध्यम से व्यापक दिशा-निर्देश भी दिया गया, जिसके परिणाम स्वरूप प्रदेश के कई विश्वविद्यालय नैक के उच्चतम ग्रेड ‘ए प्लस प्लस‘, ‘ए प्लस‘ तथा ‘ए‘ ग्रेड प्राप्त कर प्रगति की दिशा में अग्रसर हैं। अभी हाल ही में जारी क्यूएस साउथ एशिया रैंकिंग-2024 (QS South Asia Ranking-2024) में भी नैक में ‘ए प्लस प्लस‘ प्राप्त लखनऊ विश्वविद्यालय तथा दो अन्य विश्वविद्यालय दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय, गोरखपुर और चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ ने उल्लेखनीय स्थान हासिल कर साउथ एशिया के विश्वविद्यालयों में उत्कृष्टता स्थापित की है।
अब लखनऊ विश्वविद्यालय ने निरंतर प्रगति की ओर कदम बढ़ाते हुए यूजीसी द्वारा कैटेगरी-1 का जो दर्जा हासिल किया है, उससे विश्वविद्यालय को एकेडमिक तथा एडमिनिस्ट्रेटिव ऑटोनामी प्राप्त होगी। विश्वविद्यालय यूजीसी की मंजूरी के बिना संबंधित विषयों में एक नए कोर्स/कार्यक्रम/विभाग/स्कूल/केन्द्र को अपने मौजूदा शैक्षिक ढांचे का हिस्सा बना सकता है। सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि ओपेन स्टिेंट कांउसिल की मंजूरी के बगैर लखनऊ विश्वविद्यालय अपना दूरस्थ शिक्षा पाठयक्रमों को प्रारंभ कर सकेगा। विश्वविद्यालय अपने यहाँ अधिकतम 20 प्रतिशत विदेशी विद्यार्थियों को प्रवेश दे सकेगा, अपना करिकुलम डिजाइन कर सकेगा, नए कोर्सेज शुरू कर सकेगा, यूजीसी से विविध प्रकार की ग्रांट ले सकेगा, ऑफ कैंपस शुरू कर सकेगा, रिसर्च पार्क इनक्यूवेशन सेंटर्स स्थापित कर सकेगा।
बताते चलें कि यूजीसी देश भर के विश्वविद्यालयों को उनके राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शन के अनुसार और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विविध रैंकिंग के अनुसार विभिन्न श्रेणियों में रैंकिंग तय करता है, जिसमें इस बार लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ को उत्तर प्रदेश में श्रेणी-1 विश्वविद्यालय की रैंकिंग प्राप्त हुई है।