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Gyanvapi Case : ‘शिवलिंग’ पर विवादित बयान देने वाले प्रोफेसर ने पीएम मोदी से मांगा AK-56 का लाइसेंस

By संतोष सिंह 
Updated Date

Gyanvapi Case : ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) में शिवलिंग मिलने के दावे पर दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) के प्रोफेसर रतन लाल (Professor Ratan Lal) ने विवादित बयान दिया था। इसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। अब प्रोफेसर रतन लाल (Professor Ratan Lal) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को चिट्ठी लिखकर एके-56 का लाइसेंस (License of AK-56) देने की मांग की है।

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एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में प्रोफेसर रतन लाल (Professor Ratan Lal) ने कहा कि मैं इतिहास का छात्र रहा हूं। उन्होंने कहा कि इतिहास का छात्र अपने हिसाब से चलता है। उन्होंने कहा कि अगर आधा गिलास पानी है तो आप कह सकते आधा भरा हुआ है और आधा खाली है। प्रोफेसर रतन लाल ने कहा कि जो शिवलिंग (Shivling) की बात कही जा रही है। वह तोड़ा हुआ नहीं लग रहा है। वह काटा हुआ लग रहा है। मैंने क्या लिखा कि अगर मुसलमान इस देश में आए और उन्होंने कन्वर्जन कराया तो पहला काम क्या होता है, इस्लाम धर्म में खतना होता है।

प्रोफेसर रतन लाल (Professor Ratan Lal) ने कहा कि साधु भी कह रहे हैं कि छेड़छाड़ हुआ है। उन्होंने कहा कि मैं भी तो यही कह रहा हूं कि खतना हुआ है और यह मेरी राय है और यह तानाशाही है कि आप मुझे बोलने नहीं देंगे। प्रोफेसर रतन लाल ने कहा कि कोई भी डॉक्यूमेंटल प्रूफ नहीं है कि ज्ञानवापी मस्जिद कब बना और अगर बहस कराया जा रहा है कि वहां मंदिर है तो मैं यह भी कह रहा हूं कि यह 2024 के चुनाव का एजेंडा सेट किया जा रहा है।

प्रोफेसर रतन लाल (Professor Ratan Lal) ने कहा कि अगर पीपल का पत्ता भी तोड़ दें तो भावना आहत हो जाती है। उन्होंने कहा कि अगर लोग मुझे गालियां दे रहे हैं तो क्या मेरी भावना आहत नहीं हो रही है। औरंगजेब ने क्या ब्राह्मणों को दक्षिणा नहीं दिया और मंदिरों को दक्षिणा नहीं दिया यह भावना नहीं गाजर मूली है। मैंने राय दी है और मैंने राष्ट्रवादी इतिहास पर पीएचडी की है। उन्होंने कहा कि जितने लोगों ने मुझे गाली दी है क्या उन पर एफआईआर (FIR)नहीं होना चाहिए?

प्रोफेसर रतन लाल (Professor Ratan Lal) ने कहा कि शिवलिंग पर पांच लकीर खींची गई हैं। उसकी व्याख्या कौन करेगा, अगर आपको करना है तो बहस कीजिए मंच बनाइए इतिहासकार बुलाइए, इस देश में दलित-बैकवर्ड और मुसलमान की कोई आस्था नहीं है सिर्फ आस्था आप ही की है। उन्होंने कहा कि अगर मुझे जान से मारना है तो मार दीजिए। प्रोफेसर रतन लाल ने कहा कि इस देश में लोकशाही नहीं है, आप सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट जाइए। प्रोफेसर रतन लाल ने कहा कि मस्जिदों की डीप खुदाई होनी चाहिए और अगर वहां से बौद्ध विहार निकले तो उनको भी वापस करना चाहिए। कई जगहों पर मैं गया हूं। जहां पर विष्णु के मंदिर बना दिए गए हैं तो सिर्फ हिंदुओं की आस्था नहीं है बौद्ध की भी है।

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