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Hanuman Chalisa Ka Paath : हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से दूर होते है मन के विकार

By अनूप कुमार 
Updated Date

Hanuman Chalisa Ka Paath : अतुलित बल के धाम हनुमान जी महाराज को प्रभु श्री राम का अनन्य प्रेम प्राप्त था। हनुमान जी महाराज श्री राम जी को प्रभु कहते थे। उनके मन में श्री राम जी के अतिरिक्त किसी अन्य का भाव उत्पन्न नहीं होता था। इसलिए हनुमान जी को रामदूत भी कहा जाता है। हनुमान चालीसा गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित हनुमान जी के गुणों का संपूर्ण  महाकाव्य हैं। हनुमान चालीसा अवधी में लिखी एक काव्यात्मक कृति है जिसमें प्रभु श्री राम के परम भक्त हनुमान जी के गुणों एवं कार्यों का चालीसा चौपाइयों में वर्णन है। यह अत्यंत लघु रचना है जिसमें पवन पुत्र श्री हनुमान जी की सुन्दर स्तुति की गई है। हनुमान जी के गुणों के बखान की सुन्दर रचना है। संतों का स्पष्ट मानना है कि हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से मन के विकार दूर होते है, और पाठ करने वाले भक्तों को बल , बुद्धि, विद्या का वरदान मिलता है। जीवन के राह में आने वाले कष्टों और बाधाओं को दूर करने के लिए ज्योतिष शास्त्र के विशेषज्ञों द्वारा उपाय के रूप में हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने की सलाह दी जाती है।

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विकारों का जंजाल कट जाएगा
 चलीसा में क्लेश और विकारों से मुक्ति पाने के लिए और मन के अंधकार में ज्ञान की ज्योति जलाने के लिए लिखा गया है कि,बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार। बल-बुद्धि बिद्या देह मोहिं, हरहु कलेस बिकार।। इन पंक्तियों का अर्थ है कि हनुमान जी अपने भक्तों के सभी क्लेश और विकार को दूर करते हैं। भक्त गण जब भी पूरे मनोयोग से हनुमान चालीसा का निरंतर पाठ करेंगे उनकी बुद्धि तीक्ष्ण होगी और मन से विकारों का जंजाल कट जाएगा।

निशचय ही सिद्धि प्राप्त होगी
हनुमान चलीसा में लिखा गया है कि जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा। इसका अर्थ है कि माता गौरी के पति शंकर भगवान ने यह हनुमान चालीसा लिखवाया इसलिए वह साक्षी हैं की जो इसे पढ़ेगा उसे निशचय ही सिद्धि प्राप्त होगी।

साढ़ेसाती और ढैय्या से भी मुक्ति मिल जाती है
सिद्ध संत और मानस प्रेमियों की दृढ मान्यता है कि हनुमान जी इस कलयुग में जागृत देव हैं। ऐसे में हनुमान जी महाराज की असीम कृपा जिस व्यक्ति पर हो जाए, उसका जीवन उजाले से भर जाता है। संतों का मानना है कि हनुमान चालीसा की प्रत्येक पंक्ति महामंत्र है। हर भक्त को प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। हनुमान चालीसा का पाठ करने से जीवन में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं रहती है। नियमानुसार,हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से भी मुक्ति मिल जाती है।

 

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