Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. एस्ट्रोलोजी
  3. Navratri 2021: नवरात्रि में पूजा के दौरान इन मंत्रों का करें जाप, मां दुर्गा की बरसेगी कृपा

Navratri 2021: नवरात्रि में पूजा के दौरान इन मंत्रों का करें जाप, मां दुर्गा की बरसेगी कृपा

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। हमारे सनातन धर्म में नवरात्रि पूजन (Navratri Puja) का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के पहले दिन से मां दुर्गा अपने भक्तों के घर आती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। शास्त्रों में नौ दिन तक दुर्गा सप्तशती (Durga Saptashati) का पाठ करना विशेष फलदायी बताया गया है। नवरात्रि (Navratri) के समय विधि विधान से मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है, जिससे वे प्रसन्न होकर भक्तों के दुखों को हर लेती हैं। साथ ही वे सभी मनोकामनाओं को भी पूर्ण करती हैं।

पढ़ें :- Kharmas 2025 : खरमास खत्म होने से फिर शुरू होंगे मांगलिक कार्य, ये हैं जनवरी की शुभ तिथियां

नवरात्रि (Navratri) के नौ दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूप मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कूष्मांडा देवी, मां स्कंदमाता, मां कत्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की उपासना की जाती है। देवी भागवत पुराण (Devi Bhagavata Purana) के अनुसार, दुर्गा सप्तशती (Durga Saptashati) का हर मंत्र नियमति जप करने से जातक की सभी बाधाएं दूर होती है।

मां का आशीर्वाद उसके परिवार पर हमेशा बना रहता है। यह मंत्र हर संकट से मुक्ति दिलाते हैं और भाग्य का उदय करते हैं। नवरात्र के दिनों में दुर्गा सप्तशती (Durga Saptashati) के इन मंत्रों का जप करना विशेष लाभदायी माना गया है। इनसे रोगों और महामारी से मुक्ति मिलती है और उन्नति प्राप्ति के लिए मंत्रों का उल्लेख किया गया है। ऐसे ही कुछ मंत्र हैं, जिनका जाप माता की पूजा के दौरान किया जाता है।

माता के पूजन के समय इन मंत्रों का जाप जरूर करें

ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।

पढ़ें :- Makar Sankranti 2025 : मकर संक्रांति के दिन करें ये उपाय , सूर्य देव की कृपा बरसेगी

रोगानशेषानपहंसि तुष्टा, रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।

त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां, त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।।

विश्वेश्वरि त्वं परिपासि विश्वं, विश्वात्मिका धारयसीति विश्वम्।

विश्वेशवन्द्या भवती भवन्ति, विश्वाश्रया ये त्वयि भक्ति नम्रा:॥

देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्‌।

पढ़ें :- Pongal 2025 : पोंगल में दिन रंगोली बनाई जाती है और मवेशियों का पूजन किया जाता है,  जानें कब मनाया जाएगा

रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि॥

शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे।

सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते॥

 

देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोखिलस्य।

प्रसीद विश्वेश्वरी पाहि विश्वं त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य।।

पढ़ें :- आज का राशिफल 11 जनवरी 2025: इस राशि के लोगो के लिए आज सचेत रहने का दिन, कहीं आवेश में न बिगाड़ लें बने हुए काम

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।

शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,

पढ़ें :- Gautam Adani Gitapress Trust Board Meeting : गीताप्रेस के कार्यों में सहभाग करेगा अदाणी समूह,  गौतम अदाणी ने ट्रस्ट बोर्ड के साथ बनाई योजनाएं

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै ………………..नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

 

या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

* नवार्ण मंत्र ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै’

Advertisement