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33 साल से ज्ञानवापी केस लड़ रहे इकलौते पक्षकार हरिहर पांडेय का निधन, 1991 में दायर किया था मुकदमा

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। साल 1991 में ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Complex) से मस्जिद को हटाने के लिए मुकदमा दायर करने वाले इकलौते पक्षकार हरिहर पांडेय (Harihar Pandey) का रविवार को निधन हो गया।

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BHU स्थित सर सुंदरलाल हॉस्पिटल (Sir Sunderlal Hospital) में उन्होंने अंतिम सांस ली। तीन लोगों ने सिविल कोर्ट में एक मुकदमा दायर किया था। इनमें हरिहर पांडेय (Harihar Pandey) , सोमनाथ व्यास और संपूर्णानंद विश्वविद्यालय (Sampurnanand University) में प्रोफेसर रहे रामरंग शर्मा शामिल थे।

अदालत में मुकदमा दायर होने के कुछ साल बाद पंडित सोमनाथ व्यास (Pandit Somnath Vyas) और रामरंग शर्मा (Ramrang Sharma) की मौत हो गई। अब हरिहर पांडेय (Harihar Pandey) ही इस मामले के इकलौते पक्षकार बचे थे। 33 साल से ज्ञानवापी केस (Gyanvapi Case) लड़ रहे थे। कुछ समय से उनकी तबीयत ठीक नहीं थी।

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