Haryana Political Crisis: लोकसभा चुनाव के बीच हरियाणा में नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार (BJP Government) की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद कांग्रेस ने शुक्रवार को राज्यपाल से राज्य में सैनी सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है। हालांकि, जेजेपी के बागी विधायकों ने भाजपा सरकार को राहत दी है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय (Governor Bandaru Dattatreya) को दो पन्नों का ज्ञापन दिया है, जिसमें सैनी सरकार को बर्खास्त करने और राष्ट्रपति शासन के तहत नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की गयी है। कांग्रेस ने अपने ज्ञापन में दावा किया है कि राज्य सरकार अल्पमत में है। शुक्रवार को महम से विधायक कुंडू ने भी राज्यपाल को पत्र लिखकर फ्लोर टेस्ट (Floor Test) की मांग की है।
कांग्रेस ने अपने ज्ञापन में कहा कि 90 सीटों वाली विधानसभा में 45 सदस्य सत्तारूढ़ खेमे के विरोध में हैं, जिनमें कांग्रेस के 30, जेजेपी (JJP) के 10, आईएनएलडी (INLD) के एक और चार निर्दलीय विधायक शामिल हैं। दूसरी ओर भाजपा के पास 40 विधायक हैं। भाजपा को दो निर्दलीय और एचएलपी (HLP) के गोपाल कांडा का समर्थन प्राप्त है।
इस सियासी उथल-पुथल के बीच भाजपा के साथ-साथ जेजेपी विधायक देवेंदर सिंह बबली (Devender Singh Babli) और जेजेपी के दो अन्य विधायकों ने गुरुवार को मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) से मुलाकात की थी। बबली ने पार्टी के नेता दुष्यंत सिंह चौटाला को चेतावनी दी है कि उन्हें जेजेपी को पारिवारिक पार्टी नहीं मानना चाहिए।
बता दें कि हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलेन और धर्मपाल गोंदर ने अपना समर्थन वापस ले लिया। उन्होंने ऐलान किया कि वे लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए प्रचार करेंगे। ऐसे में मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) के इस्तीफे के बाद मार्च में ही हरियाणा के सीएम बनने वाले सैनी की मुश्किलें बढ़ गई हैं।