Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. बिहार
  3. Vote Adhikar Yatra : राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ से बढ़ी कांग्रेस की बार्गेनिंग पावर? जानिए इससे होगा कितना profit

Vote Adhikar Yatra : राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ से बढ़ी कांग्रेस की बार्गेनिंग पावर? जानिए इससे होगा कितना profit

By Aakansha Upadhyay 
Updated Date

बिहार में SIR मुद्दे को लेकर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की ‘वोट अधिकार यात्रा’ 16 दिन के बाद समाप्त होने जा रही है। ये यात्रा  1300 किलोमीटर का सफर था 23 जिलों में राहुल और तेजस्वी ने अपना परचम लहराकर सोमवार को पटना के गांधी मैदान में यह यात्रा इंडिया ब्लॉक के शक्ति प्रदर्शन के साथ समाप्त हो रही है।राहुल गांधी एसआईआर को ‘वोट चोरी’ बताते हुए एक तरफ जहां चुनाव आयोग पर निशाना साधा, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी और उसके गठबंधन पर बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ी साजिश का आरोप लगाते हुए उन्हें घेरते हुए नज़र आए।
राहुल गांधी के साथ इस यात्रा में बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, वीआईपी के नेता मुकेश सहनी और माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य भी मौजूद रहे. राहुल और तेजस्वी साथ में रोड शो करके  आगमी बिहार चुनाव बाद दाव खेला है।  अब जब ‘वोटर अधिकार यात्रा’ समाप्त होने जा रही है, तो इस बात को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि यह 2025 में महागठबंधन के लिए कितना फायदेमंद होगी?

पढ़ें :- चिराग पासवान की पार्टी के जिलाध्यक्ष ने नाबालिग को बहला-फुसलाकर किया दुष्कर्म, पुलिस ने पाॅक्सो एक्ट में किया गिरफ्तार

राहुल-तेजस्वी ने 110 सीटों को कवर किया 

वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने महागठबंधन के नेताओं के साथ 1300 किलोमीटर से भी ज्यादा की दूरी तय की, जो 110 से ज़्यादा विधानसभा सीटों से होकर गुज़री। बता दें की ये  यात्रा 17 अगस्त  को सासाराम से हुई, जिसके बाद औरंगाबाद, गया, नवादा, नालंदा, लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, अररिया, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, छपरा और आरा होते हुए पटना में समाप्त होने जा रही है। राहुल-तेजस्वी ने जिन 110 सीटों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपनी यात्रा से कवर किया है, उनमें से लगभग 80 विधानसभा सीटों पर एनडीए के घटक दलों का कब्ज़ा है. महागठबंधन के पास केवल 30 सीटें ही हैं. इस तरह, एनडीए के मज़बूत गढ़ वाली सीटों पर राहुल-तेजस्वी ने यात्रा निकालकर न केवल चुनाव आयोग बल्कि बीजेपी और जेडीयू के खिलाफ भी सियासी माहौल बनाने की कोशिश की है.

कांग्रेस की बिहार में बढ़ी ‘बार्गेनिंग पावर’ 

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी जिस तरीके से जमीन पर उतरकर लोगों का हालचाल लेते हुए  माहौल बनाए वैसा इसके पहले किसी अन्य राज्य में कांग्रेस की तरफ से होता नहीं दिखा है। माना जा रहा है दोनों नेताओं  अपनी प्लान को सक्सेसफुल करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़े।राजनीतिक जानकार मानते हैं कि काफी समय बाद कांग्रेस बिहार की ज़मीन पर जीवंत नज़र आई है. बिहार में कांग्रेस के समर्थकों, उनके कैडर और नेताओं में एक नया जोश देखने को मिला है. अगर राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ को सफल माना जाए, तो यह बात लगभग तय है कि यात्रा के बाद जब सीट शेयरिंग को लेकर महागठबंधन में बातचीत आगे बढ़ेगी, तो कांग्रेस के हौसले पहले से ज़्यादा बुलंद नज़र आएंगे।

पढ़ें :- World Book of Records London में अब नीतीश कुमार का बजा डंका, भारतीय लोकतांत्रिक इतिहास में दर्ज की एक अद्वितीय उपलब्धि
Advertisement