लखनऊ। दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और तंजीन फात्मा को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए सभी को 7-7 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट की इस कार्रवाई के बाद आजम खान परिवार की मुश्किलें अब और ज्यादा बढ़नी तय है। वहीं, अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि, उन्हें साजिश के तहत फंसाया जा रहा है।
पढ़ें :- यह चुनाव भारतीय जनता पार्टी हार रही है, उसी की वजह से चुनाव टाल रही... अखिलेश यादव का सरकार पर निशाना
अखिलेशय यादव ने कहा कि, आज़म खान साहब के ऊपर लगातार इसी तरह का हमला हो रहा है। बड़ी साजिश की वजह से उनके साथ इस तरह का व्यवहार हो रहा है। बीजेपी के नेता और कुछ बाहर से लाए गए अधिकारी उनके साथ साजिश पहले दिन से कर रहे हैं।”
"आज़म खान साहब के ऊपर लगातार इसी तरह का हमला हो रहा है। बड़ी साजिश की वजह से उनके साथ इस तरह का व्यवहार हो रहा है। बीजेपी के नेता और कुछ बाहर से लाए गए अधिकारी उनके साथ साजिश पहले दिन से कर रहे हैं।"
– माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी pic.twitter.com/w8R5v5rbze
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) October 18, 2023
पढ़ें :- यूपी में DGP की नियुक्ति मामले पर संजय सिंह का तंज, कहा-अमित शाह और सीएम योगी चाहते हैं अपना-अपना डीजीपी लाना
साथ ही कहा कि, वो बड़े नेता हैं यूनिवर्सिटी बना दी है हो सकता है इसलिए उन्हें ये सजा हुई…आप काम मत करिए बीजेपी की तरह, नफरत फैलाइए। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि आजम खान ने यूनिवर्सिटी बना दी और वो दूसरे धर्म के हैं, इसलिए उन पर कार्रवाई हो रही है।
माननीय आज़म खान जी और उनके परिवार को निशाना बनाकर समाज के एक पूरे हिस्से को डराने का जो खेल खेला जा रहा है, जनता वो देख भी रही है और समझ भी रही है। कुछ स्वार्थी लोग नहीं चाहते हैं कि शिक्षा-तालीम को बढ़ावा देनेवाले लोग समाज में सक्रिय रहें। इस सियासी साज़िश के ख़िलाफ़ इंसाफ़ के…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 18, 2023
पढ़ें :- यूपी की जनता ने साइकिल को पंचर करने का बना लिया है मन...अखिलेश यादव पर केशव मौर्य ने साधा निशाना
साथ ही अखिलेश यादव ने कहा, आज़म खान जी और उनके परिवार को निशाना बनाकर समाज के एक पूरे हिस्से को डराने का जो खेल खेला जा रहा है, जनता वो देख भी रही है और समझ भी रही है। कुछ स्वार्थी लोग नहीं चाहते हैं कि शिक्षा-तालीम को बढ़ावा देनेवाले लोग समाज में सक्रिय रहें। इस सियासी साज़िश के ख़िलाफ़ इंसाफ़ के कई दरवाज़े खुले हैं। ज़ुल्म करनेवाले याद रखें… नाइंसाफ़ी के ख़िलाफ़ एक अदालत अवाम की भी होती है।