मध्य प्रदेश के डिंडोरी से बेहद मार्मिक और दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक लाचार पिता को जब शव वाहन न मिलने पर वह अपने दिल के टुकड़े अपने मासूम के शव को थैले में लेकर कलेजे से लगाएं 150 किली मीटर का सफर बस से तय करने पर मजबूर हुआ।
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लोगों को इसकी भनक न लगे इसलिए अपने आंसू को भी पी गया..
इतना ही नहीं बस पर सफर कर रहे बाकी लोगों को इसकी भनक न लगे इसलिए अपने आंसू को भी पी गया। अगर किसी को पता चल जाता तो उसे बस से उतार दिया जाता।
डॉक्टरों ने जबलपुर अस्पताल में रेफर कर दिया…
आपको बता दें कि डिंडोरी के सहजपुरी निवासी सुनील धुर्वे की पत्नी जमनी बाई ने 13 जून को बेटे को जन्म दिया था। उसकी पत्नी की डिलीवरी डिंडोरी के जिला अस्पताल में हुई थी। नवजात मासूम कमजोर पैदा हुआ था इस कारण 14 जून को डॉक्टरों ने जबलपुर अस्पताल में रेफर कर दिया। इलाज के दौरान नवजात मासूम की 15 जून गुरुवार को मौत हो गई।
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कलेजे के टुकड़े नवजात को एक थैले में रख लिया..
नवजात के पिता ने शव को डिंडरी लाने के लिए शव वाहन की मांग की। लेकिन अस्पताल ने मना कर दिया। जब नवजात के पिता को कोई और रास्ता नजर नहीं आया तो अपने कलेजे के टुकड़े नवजात को एक थैले में रख लिया और बस से डिंडौरी पहुंच गया। जहां उसने नर्मदा किनारे दफनाया।