नई दिल्ली। हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) से जुड़ी सुनवाई के मामले में सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया कि सेबी (SEBI) इस मामले में जांच के लिए और समय नहीं मांग रहा है। इससे जुड़े 24 मामले हैं। 24 मामलों में से 22 मामलों में जांच पूरी हो चुकी है।
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बता दें कि इस हफ्ते की शुरुआत में अधिवक्ता विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक याचिका दायर की थी, जिसमें अदाणी-हिंडनबर्ग मामले (Adani-Hindenburg Affair) में तय समय सीमा के भीतर अपनी जांच पूरी करने में विफल रहने के लिए सेबी (SEBI) के खिलाफ अवमानना कार्रवाई का अनुरोध किया गया था। तिवारी ने अपनी याचिका में कहा कि सेबी (SEBI) ने दी गई समय सीमा भीतर अदालत के निर्देश का पालन नहीं किया और अंतिम निष्कर्ष या रिपोर्ट प्रस्तुत करने में विफल रहा।
तिवारी द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि रिट याचिका सिविल 162/2023 और अन्य संबंधित मामलों में 17-5-2023 के आदेश में इस न्यायालय द्वारा तय समयसीमा के उल्लंघन के लिए सेबी (SEBI) के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू की जानी चाहिए। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सेबी (SEBI) के लिए इस मामले पर अपनी रिपोर्ट पेश करने की समयसीमा 14 अगस्त तक बढ़ा दी थी।
इसस पहले 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सेबी से अदाणी समूह (Adani Group) से जुड़े स्टॉक मूल्य हेरफेर के आरोपों की जांच की उस समय की स्थिति के बारे में पूछताछ की थी। इसके जवाब में सेबी (SEBI) ने अदाणी-हिंडनबर्ग मामले (Adani-Hindenburg Affair) में अपनी जांच पर एक प्रगति रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें खुलासा किया गया कि उसे उन जगहों से महत्वपूर्ण जानकारी का इंतजार है, जिन्हें टैक्स हेवन (Tax Haven) के रूप में जाना जाता है।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सेबी से पूछा कि वह भविष्य में शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव न हो यह सुनिश्चित करने के लिए क्या करेगा? इसके बाद एसजी मेहता (SG Mehta) ने अदालत को विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के बारे में जानकारी दी।