होलाष्टक 8 दिनों का त्योहार है जो हर साल होली से पहले मनाया जाता है। यह फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ती है और पूर्णिमा यानी होलिका दहन तक चलती है। इस वर्ष यह दिन 10 मार्च, गुरुवार को पड़ रहा है, और 17 मार्च 2022 को समाप्त होगा। यह त्योहार मुख्य रूप से उत्तर भारतीय क्षेत्रों जैसे पंजाब, बिहार, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में मनाया जाता है। जैसे ही दिन हमारे दरवाजे पर दस्तक देने वाला है, यहां हम आपके लिए शुभ तिथि और अन्य महत्वपूर्ण विवरण लेकर आए हैं।
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होलाष्टक 2022: तिथि और समय
इस वर्ष होलाष्टक 10 मार्च गुरुवार से प्रारंभ होकर 17 मार्च गुरुवार को समाप्त होगा।
होलाष्टक 2022 तिथि का समय
तिथि 10 मार्च को सुबह 2:56 बजे शुरू होगी और 17 मार्च को समाप्त होगी।
होलाष्टक 2022: महत्व
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, होलाष्टक को अशुभ माना जाता है और बच्चे के नामकरण, गृह प्रवेश, विवाह, भूमि पूजन, या किसी अन्य समारोह जैसे समारोहों के लिए सही नहीं है। लोगों को भी इस दौरान नए वाहन, जमीन या घर खरीदने से बचना चाहिए। हिंदू ग्रंथों के अनुसार, 8 दिवसीय त्योहार तपस्या करने के लिए आदर्श है।
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हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने काम देवता को जलाकर राख कर दिया था। हालांकि, काम देवता की पत्नी ताती ने आठ दिनों तक तपस्या करने के बाद उन्हें वापस जीवन में लाया था।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, काम देवता को देवी पार्वती ने भगवान शिव को अपने ध्यान से विचलित करने के लिए मजबूर किया था। उसने भगवान काम से शिव का ध्यान वैराग्य से गृहस्थ्य की ओर आकर्षित करने का अनुरोध किया था। इसलिए, जब भगवान काम ने भगवान शिव पर एक फूल का तीर चलाया, तो बाद वाले ने क्रोध में अपनी आंखें खोलीं और भगवान काम को अपनी तीसरी आंख से जला दिया। यह रति की गहन प्रार्थना थी जिसने भगवान शिव को भगवान काम को वापस लाने के लिए मजबूर किया।