Houthi Rebels : अमेरिका और ब्रिटेन ने सोमवार को पूरे यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई और मिसाइल हमले किए। खबरों के अनुसार , यह दूसरी बार है जब दोनों सहयोगी देशों ने विद्रोहियों की मिसाइल प्रक्षेपण क्षमताओं पर जवाबी हमले किए हैं। हूती आतंकवादी समूह के खिलाफ अभियान तेज हो गया क्योंकि उसने लाल सागर में जहाजों पर हमला जारी रखने की कसम खाई है।
पढ़ें :- इंकलाब मंच ने दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम, फेल हुई यूनुस सरकार तो कहीं उपद्रवी बांग्लादेश की कमान न ले लें अपने हाथों में
अधिकारियों के अनुसार, अमेरिका और ब्रिटेन ने हुती के मिसाइल भंडार स्थलों ड्रोन और लॉन्चर को नष्ट करने के लिए युद्धपोत और पनडुब्बी से छोड़े जाने वाली मिसाइल तोमाहॉक तथा लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया।
इस अभियान में ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा और नीदरलैंड ने खुफिया और निगरानी संबंधी सहयोग दिया। एक संयुक्त बयान में छह सहयोगी देशों ने कहा कि हमलों में हुती के भूमिगत भंडार स्थलों और हुती की मिसाइल तथा वायु निगरानी क्षमताओं से जुड़े ठिकानों को निशाना बनाया गया।
यमन के सबसे अधिक आबादी वाले हिस्सों को नियंत्रित करने वाले हूती ने कहा है कि उनके हमले फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता में हैं क्योंकि इज़राइल ने गाजा पर हमला किया है।
हौथी हमलों ने वैश्विक शिपिंग को बाधित कर दिया है और वैश्विक मुद्रास्फीति की आशंका पैदा कर दी है। उनकी यह चिंता भी गहरी हो गई है कि इजराइल.हमास युद्ध के नतीजे मध्य पूर्व को अस्थिर कर सकते हैं।