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IAS Corruption Case : निलंबित IAS अभिषेक प्रकाश के खिलाफ विभागीय जांच शुरू, योगी सरकार ने केंद्र को भेजी 36 पन्नों की रिपोर्ट

By संतोष सिंह 
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लखनऊ। सौर ऊर्जा से जुड़े कलपुर्जे बनाने वाली कंपनी एसएफएल सोलर प्राइवेट लिमिटेड ने 8000 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया था, लेकिन इस परियोजना में 5 फीसदी कमीशन यानी 400 करोड़ रुपये की मांग की गई, जिससे पूरा मामला विवादों में आ गया। भ्रष्टाचार मामले में सीएम योगी (CM Yogi) ने सख्त एक्शन लेते हुए 2006 बैच के आईएएस सचिव औद्योगिक विकास विभाग व इन्वेस्ट यूपी के CEO अभिषेक प्रकाश (CEO of Invest UP Abhishek Prakash) को निलंबित कर चुके हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निलंबित IAS अभिषेक प्रकाश के खिलाफ यूपी सरकार ने केंद्र को 36 पन्नों की चार्जशीट भेज दी है। इसके बाद केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने निलंबित IAS अभिषेक प्रकाश पर विभागीय जांच शुरू कर दी है।

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निलंबित IAS अभिषेक प्रकाश की मुश्किलें बढ़नी तय है। सूत्र बताते हैं कि अवैध वसूली मामले में गिरफ्तार निकांत जैन ने कबूल किया है कि सोलर कंपनी से 1.05 करोड़ की वसूली की गई है। इस वसूली के बाद 5 करोड़ का और दबाव बनाया था। निकांत जैन के बयान के बाद अभिषेक प्रकाश पर भी शिकंजा तय माना जा रहा है।

 मेरठ में डेढ़ हजार करोड़ की सरकारी जमीन में किया खेल 

औद्योगिक विकास सचिव रहते अभिषेक प्रकाश के मेरठ में किए  एक और बड़े कांड का खुलासा हुआ है। सूत्र बताते हैं कि डेढ़ हजार करोड़ की सरकारी जमीन में खेल किया है। मोदी रबर की जमीन की लीज रद्द करने में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। मोदी रबर ने ग्रांट लीज की भूमि कांटीनेंटल टायर को बेची, जर्मनी की कंपनी को अरबों की सरकारी जमीन बेची। मंडलायुक्त की रिपोर्ट पर DM ने भेजी थी सिफारिश, लेकिन अभिषेक ने फाइल दबाकर बैठ गए। उद्यमी को 15 दिन में जवाब के लिए नोटिस दिया,जबकि नियमानुसार उद्यमी को नोटिस देने का प्रावधान नहीं है। 15 दिन के 3 साल बीते, फाइल पर कुंडली मारे बैठ गए। निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश ने दलाल निकांत जैन के जरिए मेरठ में यह भ्रष्टाचार किया गया है।

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