ICMR Diabetes Study Cases : देश मेंमधुमेह मरीजों की संख्या (Diabetes cases in India) एक बार फिर दुनिया में सबसे ज्यादा हो गई है। यूके मेडिकल जर्नल ‘लैंसेट’ (UK Medical Journal ‘Lancet’) में प्रकाशित आईसीएमआर (ICMR) के एक अध्ययन के अनुसार, 2019 में 70 मिलियन लोगों की तुलना में अब भारत में 101 मिलियन से अधिक लोग मधुमेह के साथ जी रहे हैं। यह बहुत ही गंभीर और चिंताजनक स्थिति (Serious condition) है। 2019 में मरीजों की संख्या 7 करोड़ थी। पिछले 4 सालों में मरीजों की संख्या में 44 प्रतिशत का उछाल आया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 136 मिलियन यानी 13.6 लोग प्रीडायबिटीक हैं। इसके अलावा भी कई राज्यों में डायबिटीज तेजी से बढ़ सकता है।
पढ़ें :- UP Air Pollution : योगी सरकार का बड़ा फैसला, यूपी के 8 जिलों में अगले आदेश तक सभी स्कूल बंद, सिर्फ ऑनलाइन क्लास
कोलेस्ट्रॉल और हाई बीपी
आईसीएमआर समर्थित अध्ययन का कहना है कि अधिक भारतीयों को मधुमेह, पेट की चर्बी, कोलेस्ट्रॉल और हाई बीपी हो रहा है। राज्यों की बात करें तो इस समय गोवा में 26.4 प्रतिशत, पुडुचेरी में 26.3 प्रतिशत और केरल में 25.5 प्रतिशत लोगों में डायबिटीज का सबसे उच्चतम प्रसार (highest spread) देखा गया।
संख्या विस्फोटक तरीके बढ़ सकती है
वहीं अगले कुछ सालों में ही मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और अरुणाचल प्रदेश में भी डायबिटीज मरीजों की संख्या विस्फोटक तरीके बढ़ सकती है।
मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन (Madras Diabetes Research Foundation) ने बताया कि गोवा, केरल चंडीगढ़ और तमिलनाडु में डायबिटीज के मामलों के मुकाबले प्री डायबिटीज के केस कम हैं। वहीं पुडुचेरी और दिल्ली में यह आंकड़ा बराबर पर है।
उत्तर प्रदेश में डायबिटीज मरीजों की संख्या बेहद कम
देश में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश में डायबिटीज मरीजों की संख्या बेहद कम है। प्रदेश में 4.8 प्रतिशत लोग डायबिटीक हैं। हालांकि प्री डायबिटीज के मरीजों(patients with pre diabetes) की संख्या बेहद खतरनाक है। रिपोर्ट के अनुसार, यहां प्रति प्रत्येक व्यक्ति की तुलना में प्री-डायबिटीज वाले लोगों की संख्या करीब 5 हैं। रिपोर्ट में संभावना जताई जा रही है कि अगर लोगों ने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखा तो आने वाले दिनों में यहां डायबिटीज मरीजों(diabetes patients) की संख्या रिकॉर्ड तोड़ सकती है।