नई दिल्ली। एलोपैथी को लेकर दिए गए बयान के बाद बाबा रामदेव के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में आईएमए ने कहा है कि पतंजलि के मालिक रामदेव की ओर से टीकाकरण को लेकर फैलाई जा रही गलत सूचनाओं के प्रसार को रोका जाना चाहिए।
पढ़ें :- यह जीत केवल भाजपा गठबंधन की नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में जनता के अटूट भरोसे और विश्वास की है ऐतिहासिक जीत : केशव मौर्य
आईएमए ने कहा कि एक वीडियो में रामदेव ने दावा किया कि वैक्सीन की दोनों खुराकें लेने के बाद भी 10 हजार से ज्यादा चिकित्सक और लाखों लोगों की मौत हुई है। आईएमए ने रामदेव के खिलाफ देशद्रोह के आरोपों के तहत कार्रवाई की मांग की है।
आईएमए ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा
पढ़ें :- धांधली से चुनाव जीतनेवाले भाजपाई आज आंख मिलाकर नहीं देख पा रहे यही इंडिया गठबंधन की सबसे बड़ी जीत: अखिलेश यादव
इससे पहले एलोपैथी चिकित्सा को लेकर रामदेव की ओर से 25 सवाल जारी किए जाने के बाद आईएमए उत्तराखंड ने उन्हें कानूनी नोटिस जारी किया है। आईएमए ने कहा कि रामदेव एलोपैथी का ‘ए’ तक नहीं जानते। हम उनके सवालों के जवाब देने को तैयार हैं, लेकिन पहले वे अपनी योग्यता तो बताएं। अगर रामदेव 15 दिनों के भीतर माफी नहीं मांगेंगे तो उनके खिलाफ एक हजार करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा किया जाएगा।
आईएमए उत्तराखंड के सचिव डा. अजय खन्ना ने कहा कि वे बाबा रामदेव से आमने-सामने बैठकर सवाल-जवाब करने को तैयार हैं। बाबा रामदेव को एलोपैथी के बारे में रत्ती भर भी ज्ञान नहीं है। इसके बावजूद वे पैथी और उससे जुड़े डॉक्टरों के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे दिन रात मरीजों की सेवा में जुटे डॉक्टरों का मनोबल गिरा है। बाबा रामदेव हमेशा से बीमारियों और उनके इलाज को लेकर अवैज्ञानिक दावे करते रहे हैं। वे कैंसर का इलाज करने का दावा करते हैं। अगर ऐसा है तो उन्हें इस खोज के लिए नोबेल पुरस्कार दिया जाना चाहिए।
डा. खन्ना ने कहा कि रामदेव अपनी दवाएं बेचने के लिए लगातार झूठ फैला रहे हैं। बाबा ने कहा कि उन्होंने हमारे अस्पतालों में अपनी दवाओं का ट्रायल किया है। हमने उनसे पूछा कि उन अस्पतालों के नाम बताएं लेकिन वे नहीं बता पाए, क्योंकि उन्होंने ट्रायल किया ही नहीं। कोरोना के इलाज में जुटे डॉक्टरों के खिलाफ इस तरह की टिप्पणी से लोगों में भी बाबा के प्रति गुस्सा है। अपनी दवा बेचने के लिए वे टीवी में टीकाकरण से साइड इफेक्ट होने के विज्ञापन भी जारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनके खिलाफ महामारी एक्ट में कार्रवाई नहीं करेगी तो आईएमए हरिद्वार में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएगी।