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Adani Group को किस बैंक ने दिया कितना कर्ज? RBI ने मांगी डिटेल, सेबी भी एक्शन में, संसद में हंगामा जारी

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट (Report of American research firm Hindenburg) के बाद अडानी ग्रुप (Adani Group) की कंपनियों के शेयर्स धड़ाम हो गए हैं। गौतम अदानी (Gautam Adani) दुनिया के दूसरे स्थान के सबसे अमीर से फिसलकर 16वें नंबर पर पहुंच गए हैं। अदानी ग्रुप (Adani Group)  का एफपीओ (FPO)गुरुवार को रद्द कर दिया गया है।

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इन सबके बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि अदानी ग्रुप के बारे में हिंडेनबर्ग रिसर्च नाम की शॉर्ट सेलिंग कंपनी की रिपोर्ट के बाद सेबी की पड़ताल शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार अदानी के मामले में सेबी से लगातार संपर्क में है। खबरों के मुताबिक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने सभी बैंकों से अदानी को दिए गए कर्जे के बारे में जानकारी मांगी है। वहीं, इसी मुद्दे पर संसद में भी बवाल मचा हुआ है। संसद में आज दोनों सदनों में अदानी का मसला उठा है।

संसद में विपक्ष ने लोकसभा और राज्यसभा में अदानी का मसला उठाकर चर्चा की मांग की। शिवसेना की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने राज्यसभा में नोटिस दिया। दोनों सदनों में चर्चा की मांग पर विपक्ष अड़ गया। सरकार के खिलाफ नारेबाजी होने लगी। लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही इसी वजह से रोकनी पड़ गई। आज दोपहर 2 बजे तक दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी है। माना जा रहा है कि इस मामले में विपक्ष अपने पैर नहीं खींचेगा और हंगामे की वजह से संसद का चलना फिलहाल मुश्किल लग रहा है। अदानी के मामले में विपक्ष सरकार से विस्तृत चर्चा कराने की मांग पर अड़ा है।

विपक्ष के नेता और खासकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार को अदानी-अंबानी का बताते रहे हैं। राहुल गांधी और विपक्ष का आरोप है कि सरकार के इशारे पर सरकारी बैंकों से अदानी को 2 लाख करोड़ का कर्ज दिया गया। उनका कहना है कि अगर अदानी ग्रुप कर्ज न चुका पाया, तो सरकारी बैंक धराशायी हो जाएंगे। वहीं, अदानी का कहना है कि जितना कर्ज उस पर बैंकों का बताया जा रहा है, उतना नहीं है और सारे कर्जे प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर लिए गए हैं। ऐसे में कर्ज सुरक्षित हैं और बैंकों को कोई खतरा नहीं है। एफपीओ रद्द करने के फैसले के बाद गौतम अदानी ने बाकायदा वीडियो जारी कर कहा है कि वो छोटे मुद्दे नहीं, बल्कि निवेशकों के हित को प्राथमिकता देते हैं। अदानी ने ये भी बताया कि कंपनी की बैलेंस शीट काफी मजबूत है।

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